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उत्तर प्रदेश | दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के साथ हाथापाई करने के आरोप में शनिवार को आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (शहर) कृष्ण कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर सत्यपाल सिंह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और हिंसा मामले में शक्ति सिंह, प्रिंस तिवारी, शुभम गोविंद राव, शिवम पांडे, आलोक गुप्ता, ऋषभ सिंह, मयंक राय और श्रवण कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, पुलिस ने यह नहीं बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग छात्र हैं, ठेकेदार हैं या कोई अन्य बाहरी लोग हैं।
खबरों के अनुसार आरोपियों ने कुलपति के कार्यालय में तोड़फोड़ की और कुलपति, रजिस्ट्रार, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ हाथापाई की। शनिवार को विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रमुखों ने बैठक कर घटना की निंदा की। विभाग प्रमुखों ने मांग की कि जिन लोगों ने हंगामा किया और विश्वविद्यालय की शांति भंग की, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से छात्रों को गुमराह होने से बचाने की भी अपील की। शुक्रवार देर शाम विश्वविद्यालय के मीडिया विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि हंगामा करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और इसमें शामिल छात्रों को तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया है। इसमें कहा गया कि शुक्रवार सुबह 11 बजे छात्रों समेत कुछ लोग प्रशासनिक ब्लॉक में जबरदस्ती घुस आए और उन्होंने परिसर में हंगामा करना शुरू कर दिया।
उन्होंने खिड़की के शीशे, गमले, कुर्सियां और कुलपति के चारपहिया वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया और कुलपति , वित्त अधिकारी, रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर आदि को कमरे में बंद कर दिया। बयान के मुताबिक ‘‘कुछ बाहरी तत्व सुनियोजित साजिश के तहत छात्रों को भड़काने का प्रयास कर रहे थे। इसमें कुछ ठेकेदार भी शामिल थे और उनके नाम काली सूचीमें डाल दिए गए हैं। प्रारंभिक जांच में इसमें कुछ शिक्षक भी संलिप्त पाए गए हैं और ऐसे शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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