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रुड़की रोड पर वायाडक्ट का काम शुरू, रैपिड के साथ साथ मेट्रो के काम में भी आई तेजी
मेरठ: शहर के दक्षिणी हिस्से में आरआरटीएस और मेट्रो कॉरिडोर के वायाडक्ट निर्माण में प्रगति के बाद अब मेरठ के उत्तरी हिस्से में भी वायाडक्ट निर्माण का काम आरंभ कर दिया गया है। एमईएस कॉलोनी और दौरली स्टेशन के बीच हाल ही में असेंबल की गई तारिणी (लॉन्चिंग गैन्ट्री) ने सेगमेंट लिफ्टिंग के साथ वायाडक्ट निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तारिणी द्वारा गर्डर के सेगमेंट्स को लिफ्ट करके पिलर पर फिट किया जा रहा है। इस तारिणी ने लगभग 3 किमी लंबे वायाडक्ट का निर्माण शुरू किया है, जो एमईएस कॉलोनी और दौरली स्टेशन के मध्य से मेरठ नॉर्थ स्टेशन तक बनाया जाएगा।
बताते चले कि यह मेरठ में तीसरा स्थान है, जहां वायाडक्ट का निर्माण करने के लिए तारिणी लगाई गई है। इससे पहले रिठानी और शताब्दी नगर स्टेशन के बीच लगभग 3 किमी लंबे वायाडक्ट का निर्माण लगभग पूरा कर लिया गया है। जबकि शताब्दी नगर और ब्रह्मपुरी के बीच लगभग 2 किमी लंबे वायाडक्ट का निर्माण कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। मेरठ के एलिवेटेड हिस्से के निर्माण के लिए लगभग 650 पिलर्स का निर्माण किया जाना है, जिनमें से लगभग 400 पिलर्स का निर्माण पूरा हो चुका है।
तैयार हो चुके पिलर्स पर तेजी से वायाडक्ट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार एलिवेटेड कॉरिडोर के वायाडक्ट निर्माण के लिए लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) का प्रयोग किया जाता है। तारिणी को पिलर के ऊपर स्थापित किया जाता है जहाँ से यह गर्डर के विभिन्न सेगमेंट्स को उठाकर उसे आपस में जोड़ती है। ये सेगमेंट लगभग 50 से 60 टन भारी होते हैं। यह तारिणी वायाडक्ट के निर्माण के साथ-साथ आगे बढ़ती जाती है। गौरतलब बात ये भी है कि मेरठ शहर में 21 किमी का मेट्रो सिस्टम भी डेवलप किया जा रहा है,
जिसमे 13 स्टेशन होंगे। मेट्रो नेटवर्क रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के बुनियादी ढांचे पर ही संचालित होगी। मेरठ साउथ, शताब्दीनगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर आरआरटीएस ट्रेनों के रुकने का भी प्रावधान होगा। जहां से मेरठ मेट्रो के यात्री आरआरटीएस की यात्रा का लाभ उठा सकेंगे। रैपिड अधिकारियों के अनुसार परियोजना की शुरुआत से ही पर्यावरण संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एनसीआरटीसी निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग कर रही है।
प्री-कास्टिंग बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए कार्यों के सुरक्षित और तेजी से निष्पादन में मदद करता है। इसके अलावा ये वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण को भी सीमित रखता है। यहां भी वायाडक्ट के निर्माण के लिए प्रीकास्ट सेग्मेंट का प्रयोग किया जा रहा है जिनका निर्माण शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में किया जा रहा है। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि 2025 तक पूरे दिल्ली-गाजिÞयाबाद-मेरठ कॉरिडोर को आम जनता के लिए संचालित कर दिया जाए। इससे पहले इसी वर्ष गाजियाबाद क्षेत्र में आने वाले साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड को जनता के लिए खोल दिया जाएगा।