उत्तर प्रदेश

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए चार हजार संतों को विहिप देगा निमंत्रण

Admin Delhi 1
23 Sep 2023 6:55 AM GMT
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए चार हजार संतों को विहिप देगा निमंत्रण
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फैजाबाद: बाइस जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए विश्व हिन्दू परिषद देश भर के चार हजार धर्माचायों को आमंत्रित करेगी. देश के सभी पंथों-संप्रदायों के धर्माचार्यों को इस दिव्य एवं भव्य समारोह के लिए व्यक्तिगत रूप से निमंत्रित करने का काम विहिप के अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख करेंगे. यह निर्णय अयोध्या में चल रही विहिप की अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुखों की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन लिया गया.

अयोध्या के रामकोट स्थित तीर्थ क्षेत्र भवन में विहिप उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने कहा यह बेहद जरूरी है. देश के विभिन्न प्रांतो से आये धर्माचार्य संपर्क प्रमुखों की बैठक में उन्होंने कहा कि पूजन उत्सव में प्रत्येक राज्य की सहभागिता हो इसके लिए हर पंथ संप्रदाय के संतों से संपर्क आवश्यक है. प्राणप्रतिष्ठा में अयोध्या धाम आने वाले चार हजार संतों के लिये श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा भोजन आवास की व्यवस्था जा रही है. बैठक में केंद्रीय संयुक्त मंत्री रासविहारी सहित उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश ,छत्तीसगढ़, राजस्थान, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, दिल्ली, पंजाब के प्रमुख मौजूद रहे.

हर रामभक्त जलाए पांच दीपक चंपत राय ने कहा कि प्राणप्रतिष्ठा समारोह व्यापक स्वरूप को प्राप्त करेगा. संपूर्ण राष्ट्र का हर घर राममय हो इसके लिए घर घर संपर्क होगा. प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर रामभक्त पांच दीपक घर की चौखट पर अवश्य जलायें और दीपोत्सव मनायेंगे. मंदिर निर्माण के इस महाअभियान में संतों का अतुलनीय योगदान रहा जिसे विस्मृत नही किया जा सकता है. उन्होंने संपर्क प्रमुखों को बताया कि श्रीराम जन्मभूमि का निर्माण कार्य अपनी गति से चल रहा है, जो समय से पूर्ण हो जायेगा.

उत्तर से दक्षिण तक जोड़ेगा समारोह संचालन करते हुए विहिप केंद्रीय मंत्री अखिल भारती धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने कहा कि प्राणप्रतिष्ठा आयोजन में तीर्थ क्षेत्र को हर स्तर पर संगठन का सहयोग प्राप्त होगा. संपर्क प्रमुखों द्वारा मठ मंदिरों में निवास करने वाले संतो से संपर्क तो होगा ही इसके अलावा वनवासी और गिरवासी क्षेत्रों में स्थित मंदिरों से भी संपर्क होगा.

भगवान राम ने जिस प्रकार उत्तर दक्षिण और पूर्व, पश्चिम के राज्यों को जोड़कर रामराज्य की स्थापना की ठीक उसी प्रकार इस समारोह के द्वारा संपूर्ण राष्ट्र जुड़ने जा रहा है, इसमें संपर्क प्रमुख सहायक बनेंगे .

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