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चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह के सामने ही डॉक्टर एक महिला की डेड बॉडी का इलाज करते रहे. डॉक्टरों ने मंत्री को भनक तक नहीं लगने दी. इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन ने मंत्री से मरने वाली महिला की तीमारदार को फल भी बंटवा दिए. हालांकि, जब मंत्री बाहर निकले तो स्थानीय महिला जनप्रतिनिधि ने इस घटनाक्रम के बारे में उन्हें बताया. इस पर मंत्री दोबारा बेड तक पहुंचे और सच्चाई जानने के लिए जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं.
उत्तर प्रदेश में जब से योगी सरकार 2.0 सत्तारूढ़ हुई है, तब से जनता के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं. इन्हीं निर्णयों में एक निर्णय है- सरकार जनता के द्वार. शनिवार को पूरे प्रदेश में इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इसी अभियान के तहत चित्रकूट मंडल के प्रभारी मंत्री और योगी सरकार में पर्यटन-संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह दो दिवसीय दौरे पर चित्रकूट पहुंचे. यहां भाजपा के जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मंत्री का जोरदार स्वागत किया.
बाद में मंडल के प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने चित्रकूट के जिला अस्पताल का निरीक्षण किया. मंत्री जब अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे तो चित्रकूट के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूपेश त्रिपाठी ने ना सिर्फ मृतक महिला की जांच की, बल्कि मंत्री के हाथों उसकी तीमारदार को फल भी वितरित करवा दिए. मंत्री के सामने लाश का इलाज करने वाले डॉक्टर्स की पोल उस समय खुल गई, जब चित्रकूट की जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती ने डॉक्टर्स की शर्मनाक करतूत को प्रभारी मंत्री के सामने ला दिया. उन्होंने मंत्री को इस संबंध में जानकारी दी और हंगामा शुरू कर दिया.
मंत्री जयवीर सिंह दोबारा उस कक्ष में पहुंचे और डॉक्टर्स से पूछताछ करने लगे तो पूरे स्वास्थ्य विभाग की सांसें अटक गईं. पहले तो चित्रकूट के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूपेश त्रिपाठी महिला की मौत से इनकार करते रहे और मृतक के सीने को दबाकर उसकी सांसें दोबारा लौटाने की कवायद करते रहे. लेकिन दो-तीन मिनट के बाद आखिर उन्होंने भी अपने हाथ खड़े कर दिए और महिला को मृत घोषित कर दिया.
जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में जिला अस्पताल के डॉक्टर्स, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की शर्मनाक करतूत आज तक के कैमरे में कैद हो गई. डॉक्टर्स की लापरवाही पर प्रभारी मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की और चित्रकूट के जिलाधिकारी को पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराने के आदेश दिए हैं. मंत्री का कहना है कि जिला अस्पताल में जो कमियां पाई गई हैं, उसका समाधान किया जाएगा. चित्रकूट के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतिदिन 1 घंटे जिला अस्पताल में ड्यूटी देंगे और दोषी डॉक्टर्स के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
jantaserishta.com
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