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केडीए कर्मचारी से हुई मारपीट के आरोपों में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान पर दर्ज मुकदमे में अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय आलोक यादव की अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता और मंत्री के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित कर लिया। अदालत सात अक्टूबर को इस मामले में फैसला सुनाएगी।
केडीए कर्मचारी जीडी दास ने 24 अगस्त 1990 को ग्वालटोली थाने में राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी थी। आरोप था कि राकेश साथियों के साथ हिंदी भवन पहुंचे और उसे अपना कार्यालय बताकर सामान फेंक दिया। वहां तैनात सरकारी कर्मचारी से गाली गलौज कर उसे जानमाल की धमकी भी दी।
इस मामले में मंत्री राकेश के खिलाफ दर्ज मुकदमे की अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय के न्यायालय में सुनवाई चल रही है। बहस के दौरान राकेश सचान के अधिवक्ता ने कहा कि आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। घटना के दो चश्मदीद गवाहों ने भी ऐसी किसी भी प्रकार की घटना होने से इनकार किया है।
इससे पहले राकेश सचान को एक साल अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय ने अगस्त माह में बिना लाइसेंस असलहा रखने के आरोप में एक साल के कारावास और 15 सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
हालांकि ऊपरी अदालत से राकेश को राहत मिल गई और अब वह मामला विचाराधीन है। 13 अगस्त 1991 को नौबस्ता थाना प्रभारी बृजमोहन उदेनिया ने बिना लाइसेंस असलहा रखने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में सुनवाई के बाद उन पर दोष सिद्ध हुआ था और अदालत ने सजा सुनाई थी।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar