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उत्तर प्रदेश
वाराणसी बम ब्लास्ट में आतंकी वलीउल्लाह की सजा पर गाजियाबाद कोर्ट में फैसला आज
Renuka Sahu
6 Jun 2022 3:36 AM GMT
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फाइल फोटो
वाराणसी में वर्ष 2006 में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के मामले में शनिवार को दोषी करार दिए गए आतंकी वलीउल्लाह की सजा पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में आज यानी सोमवार दोपहर दो बजे से सुनवाई होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वाराणसी में वर्ष 2006 में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के मामले में शनिवार को दोषी करार दिए गए आतंकी वलीउल्लाह की सजा पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में आज यानी सोमवार दोपहर दो बजे से सुनवाई होगी। सजा के प्रश्न पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद अदालत फैसला सुनाएगी।
सभी लोग इस चर्चित मामले में अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। वलीउल्लाह प्रयागराज की फूलपुर स्थित नलकूप कालोनी का रहने वाला है। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद शर्मा ने बताया कि सात मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे।
पहला बम धमाका सात मार्च को शाम 6.15 बजे वाराणसी के लंका थानाक्षेत्र में संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इसमें सात लोग मारे गए थे जबकि 26 घायल हुए थे। उसी दिन 15 मिनट के बाद 6.30 बजे दशाश्वमेध घाट थानाक्षेत्र में जम्मू रेलवे फाटक की रेलिंग के पास कुकर बम मिला था। पुलिस की मुस्तैदी के चलते यहां विस्फोट होने से बचा गया था।
इन दोनों मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, चोटिल व अंग भंग करने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व आतंकी गतिविधि के आरोप में अदालत आतंकी वलीउल्लाह को दोषी करार दे चुकी है जबकि जीआरपी वाराणसी थानाक्षेत्र में वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के विश्राम कक्ष के सामने हुए धमाके, जिसमें 11 लोग मारे गए थे और 50 लोग घायल हुए थे।
इसमें साक्ष्यों के अभाव में अदालत उसे बरी कर चुकी है। मालूम हो, कि वाराणसी में अधिवक्ताओं ने वलीउल्लाह की पैरवी करने से मना कर दिया था। हाई कोर्ट के आदेश पर 24 दिसंबर 2006 को यह मामला सुनवाई के लिए गाजियाबाद स्थानांतरित हुआ था।
एक आरोपित मुठभेड़ में ढेर हुआ, तीन का नहीं मिला सुराग
जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि वाराणसी में हुए बम धमाकों के बाद तीन एफआइआर अज्ञात आरोपितों के खिलाफ दर्ज हुई थी। आरोपितों के नाम पुलिस की विवेचना के दौरान सामने आए। तीनों मामलों में वलीउल्लाह के अलावा बशीर, जकारिया, मुस्तफीज व मोहम्मद जुबैर भी आरोपित थे। मोहम्मद जुबैर नौ मई 2006 को जम्मू कश्मीर में एलओसी पर पुलिस मुठभेड़ में मारा जा चुका है। वह बागपत के टाडा गांव का रहने वाला था। बशीर, जकारिया, मुस्तफीज जो बांग्लादेश के रहने वाले हैं। इन्हें पुलिस आज तक नहीं पकड़ पाई है।
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