उत्तर प्रदेश

पराली से बनी सीबीजी से दौड़ेंगे वाहन, खाद भी मिलेगी

Admin Delhi 1
3 Aug 2023 5:53 AM GMT
पराली से बनी सीबीजी से दौड़ेंगे वाहन, खाद भी मिलेगी
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मुरादाबाद न्यूज़: अब पराली से बनी कंप्रेस्ड बॉयो गैस (सीबीजी) का इस्तेमाल सीएनजी की तरह वाहनों दौड़ाने में होगा. इससे प्रदूषण की समस्या से निजात मिलेगी साथ ही किसानों को खाद भी मिल सकेगी. एचपीसीएल बदायूं में इसका प्लांट लगाने जा रहा है. दिसंबर तक रीजन के अन्य जिलों में भी यह प्लांट लगेंगे. इससे वाहनों को ईंधन का नया विकल्प मिलेगा. पर्यावरण के लिए खतरा बन रही पराली से किसानों के लिए उपजाऊ खाद भी मिलेगी. किसानों से पराली खरीद कर एचपीसीएल कंप्रेस्ड बायोगैस बनाएगी और खाद किसानों को उचित दर पर देगी.

एचपीसीएल के क्षेत्रीय जीएम सुमित कुमार ने मुरादाबाद दौरे पर बताया कि बदायूं में यह प्लांट 140 करोड़ की लागत से तैयार होगा. इस पर काम शुरू हो गया है. पराली से बनने वाली गैस सीएनजी की तरह काम करेगी. पेट्रोल-डीजल के बाद सीएनजी अभी एकमात्र विकल्प है. सीबीजी तैयार होने से वाहनों में ईंधन का एक और विकल्प मिलेगा. इससे कई फायदे हैं. पराली नहीं जलेगी तो पर्यावरण प्रदूषण का खतरा कम होगा. किसानों को पराली का उचित दाम मिलेगा. खेती के लिए उवर्रक (खाद) भी मिलेगा. आम लोगों को वाहनों का ईंधन मिलेगा.

उन्होंने बताया कि कंपनी अपने 50 वर्ष पूरे करने के बाद कई लाभकारी अभियान चला रही है. बरेली रीजन में आठ जिले बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा संभल आते हैं. बदायूं से इस प्लांट के शुभारंभ के बाद बाकी जिलों में भी विस्तार की योजना है, जिससे ईंधन का विकल्प ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके. पूरे रीजन में जरूरत के अनुसार सीबीजी मुहैया हो कंपनी इस दिशा में प्रयास करेगी.

इस पहल से वाहनों के कारण बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने में मिलेगी सहायता

कंप्रेस्ड बायो गैस से वाहनों से बढ़ते वायु प्रदूषण से निजात मिलेगी. इससे काफी हद तक कम किया जा सकता है. सीबीजी की उपलब्धता जब ज्यादा जिलों में होगी तो सीएनजी पर निर्भरता पूरी तरह से नहीं होगी और लोगों को इसका सीधा फायदा होगा.

सौ टन पराली में 25 टन सीबीजी तैयार होगी

एचपीसीएल के क्षेत्रीय जीएम सुमित कुमार के अनुसार सौ टन पराली से 25 टन कंप्रेस्ड बॉयो गैस (सीबीजी) तैयार होगी. एक पंप पर औसतन दो टन सीएनजी की एक दिन मे खपत होती है. इस तरह 12 पंपों के लिए सौ टन पराली से ईंधन तैयार हो जाएगा. इसमें 63 टन फर्टिलाइजर भी निकलेगा जो खेतों में फसलों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी. किसान पराली बेच कर लाभ लेंगे और उन्हें फर्टिलाइजर भी मिल सकेगा.

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