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Varanasi: काशी में नागा साधुओं का आगमन 9 फरवरी के बाद
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वाराणसी: प्रयागराज स्नान के बाद अब काशी में श्रद्धालुओं का आगमन तेज हो गया है। देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन और मां गंगा में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। आने वाले दिनों में रविदास जयंती (12 फरवरी), काशी तमिल संगमम् (13 फरवरी) और महाशिवरात्रि (26 फरवरी) के चलते यहां भीड़ और अधिक बढ़ने की संभावना है।
नागा साधुओं का आगमन 9 फरवरी के बाद: 9 फरवरी के बाद नागा साधुओं के दल काशी में प्रवेश करेंगे। वे विभिन्न मठों, मंदिरों और घाटों पर निवास करेंगे और धुनी रमाकर साधना करेंगे। इससे काशी का माहौल पूरी तरह आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाएगा।
रविदास जयंती पर एनआरआई श्रद्धालुओं का आगमन: 12 फरवरी को रविदास जयंती के अवसर पर देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु काशी पहुंचेंगे। इनमें बड़ी संख्या में एनआरआई भक्त भी शामिल होंगे, जो 14 फरवरी तक काशी में प्रवास करेंगे।
महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़: महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के साथ ‘होली’ खेलने और गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। इस दौरान करोड़ों भक्तों के काशी पहुंचने की संभावना है।
पुलिस प्रशासन के लिए होगी बड़ी चुनौती: श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस प्रशासन के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है। इसे लेकर प्रशासन ने विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं।
पुलिस अधिकारी नियमित निरीक्षण कर रहे हैं और व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के निर्देश दे रहे हैं।
यातायात प्रबंधन के लिए ऑटो, ई-रिक्शा और नाविकों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए विशेष बैठकों का दौर जारी है।
फिलहाल, पुलिस प्रशासन दर्शन, पूजन और स्नान की व्यवस्थाओं को सफलतापूर्वक संचालित कर रहा है। महाशिवरात्रि तक काशी आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुगम दर्शन सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
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