उत्तर प्रदेश

वाराणसी: कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज की आज निकलेगी अस्थि कलश यात्रा, कर सकेंगे नटराज संगीत अकादमी के परिसर में दर्शन

Renuka Sahu
22 Jan 2022 1:20 AM GMT
वाराणसी:  कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज की आज निकलेगी अस्थि कलश यात्रा, कर सकेंगे नटराज संगीत अकादमी के परिसर में दर्शन
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फाइल फोटो 

कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज की अस्थि कलश यात्रा शनिवार को गंगा में प्रवाहित की जाएंगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज की अस्थि कलश यात्रा शनिवार को गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। शुक्रवार की देर रात परिजन अस्थि कलश लेकर बनारस पहुंचे। बिरजू महाराज का अस्थि कलश कबीरचौरा में दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद सिगरा के कस्तूरबा नगर कॉलोनी स्थित नटराज संगीत अकादमी के परिसर में उनके चाहने वाले उनको अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे।

पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की शिष्या डॉ. संगीता सिन्हा ने बताया कि देर रात अस्थि कलश बनारस पहुंच गया है। सुबह कबीरचौरा में दर्शन के बाद घंटे भर तक अस्थिकलश संगीत अकादमी के परिसर में रहेगा। इसके बाद यहीं से अस्थि कलश की यात्रा अस्सी घाट के लिए निकलेगी। इसके पहले अस्सी घाट पर अस्थि कलश का वैदिक रीति से पूजन किया जाएगा।
अस्सी घाट पर बीच गंगा में प्रवाहित की जाएंगी अस्थियां
उनकी अस्थियां अस्सी घाट पर बीच गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। पं. बिरजू महाराज के बड़े पुत्र पं. जयकिशन महाराज और उनकी शिष्या साश्वती सेन परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दिल्ली से लखनऊ के लिए बृहस्पतिवार की शाम सड़क मार्ग से रवाना हुए थे। लखनऊ में पैतृक आवास पर दिन भर चाहने वालों ने अस्थि कलश के दर्शन किए। इसके बाद परिजन बनारस रवाना हुए।
पं. बिरजू महाराज को लेकर बढ़ना है आगे
पंडित बिरजू महाराज की शिष्या डॉ. संगीता सिन्हा ने कहा कि गुरु जी जिस आदर और प्रेम में खींचे हुए बनारस आ जाते थे, उसके लिए हमेशा ऋणी रहूंगी। उनकी सीख को लेकर ही अब आगे बढ़ना है। वह शुक्रवार को सनबीम लहरतारा के स्पंदन प्रेक्षागृह में पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की स्मृति में आयोजित नृत्यांजलि को संबोधित कर रही थीं।
डॉ. सिन्हा ने कहा कि 2019 के जनवरी माह में पंडित बिरजू महाराज अंतिम बार बनारस आए थे। नटराज संगीत अकादमी की कार्यशाला एवं कथक महोत्सव में शिरकत करने आए थे। सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ. दीपक मधोक एवं निदेशिका भारती मधोक ने अपनी यादों को साझा करते हुए कहा कि साल 2019 की लोहड़ी उनके साथ बीती थी, उनकी सहजता उन्हें सबसे अलग बनाती है।
किशन कुमार जालान एवं डॉ. विधि नागर ने भी स्मरण किया। इसके बाद संगीत के प्रशिक्षुओं ने तेरा तुझको अर्पण के भाव से नृत्यांजलि अर्पित की। विवेक मिश्रा ने तबला एवं आनंद किशोर मिश्र ने गायन के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पंडित भोलानाथ मिश्र, रामगोपाल मोहले, आशीष मिश्र, वसुंधरा शर्मा, शिवम केसरी उपस्थित रहे।
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