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Varanasi: पेड़ काटने के लिए इजाजत लेना जरूरी: वन विभाग
वाराणसी: बीएचयू में चंदन के सात पेड़ काटे जाने के प्रकरण में वन विभाग ने सख्ती बरती है. आइंदा पेड़ काटने के लिए बीएचयू प्रशासन को वन विभाग से अनुमति लेनी होगी. वन संरक्षक और क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रवि सिंह ने बीएचयू रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह को इस बाबत पत्र भेजा है. वहीं, वन विभाग जांच रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है. बताया जाता है कि एक सप्ताह में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. वन संरक्षक ने बताया कि बिना इजाजत के पेड़ नहीं काटने का पत्र जारी किया गया है.
बता दें कि बीएचयू में बीते वर्षों में चंदन के सात पेड़ अवैध रूप से काटे गए थे. इसकी जांच को वन मंत्रालय ने कमेटी बनाई थी. इसमें उप महानिरीक्षक वन डॉ. प्राची गंगवार समेत कई अफसर थे. उप महानिरीक्षक की अगुवाई में वन विभाग के अफसरों ने को बीएचयू में जांच की तो पता चला कि द्रव्यगुण विभाग से चंदन के सात पेड़ काट कर गायब कर दिया गया. इसी तरह 2018 में दो और 2023 में चंदन के तीन पेड़ काटकर चोरी करने के तथ्य मिले. इस बीच दो और पेड़ों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.
नृत्य संसद में रही दमदार उपस्थिति: दिल्ली में गत सप्ताह हुई पहली अंतरराष्ट्रीय भारतीय नृत्य संसद में काशी के नृत्य साधकों ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई. बीएचयू के संगीत एवं मंच कला संकाय की डॉ. विधि नागर के नेतृत्व में पांच शोध छात्राओं ने हिस्सेदारी की.
डॉ. विधि नागर ने बताया कि भारतीय नृत्य संसद में गहन विमर्श के बाद बनाए गए 14 सूत्री प्रस्ताव को सांसद सोनल मानसिंह और हेमा मालिनी ने संसद में भी उठाने का आश्वासन दिया. नृत्य संसद ने स्कूली शिक्षा में मुख्य विषय के रूप में नृत्य अनिवार्य करना, नर्तकों के लिए लाइफ इंश्योरेंस तथा पेंशन, प्रदर्शन के लिए सभी को समान अवसर प्रदान करने आदि पर गंभीर चर्चा की गई.
इस संसद में बीएचयू का प्रतिनिधित्व नृत्य विभाग की शोधा छात्राओं मॉरीशस की परणीता भिवाजी, नेपाल की सुलोचना गोपाली, बांग्लादेश की सुरैया इस्लाम, थाईलैंड की अवसादा एवं श्रीलंका की अंजली मिश्रा ने किया.