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राज्य सरकार का छूटे लोगों के टीकाकरण, बूस्टर डोज पर फोकस
लखनऊ न्यूज़: देश में कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर हुए अलर्ट के बाद राज्य सरकार ने एहतियातन तैयारी शुरू कर दी है. सीएम योगी के निर्देश के बाद को स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग हरकत में आ गए.
कोविड एडवाइजरी कमेटी की को हुई बैठक में बिना पैनिक किए अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने की सिफारिश की गई. प्रदेश में कोरोना जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा. सरकार बचे हुए लोगों के टीकाकरण और स्वास्थ्य कर्मियों को बूस्टर डोज लगाने पर फोकस करेगी. मेडिकल कॉलेजों में कोविड मरीजों के लिए वार्ड आरक्षित किए जाएंगे. अस्पतालों से लेकर सभी भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोगों को मॉस्क लगाना जरूरी कर दिया जाएगा. फिलहाल औसतन 20 से 25 हजार जांचें रोज की जा रही हैं. जिनोम सीक्वेंसिंग का सिलसिला तो लगभग थम ही गया था.
जानिए ये भी:
● 1.20 लाख बेड क्षमता पहली लहर के बाद विकसित हुई थी
● 0.01 फीसदी है दिसंबर में प्रदेश में कोविड पॉजिटिविटी दर
● 62 एक्टिव कोविड केस हैं अभी
● 27208 कोविड टेस्ट 24 घंटे में
● 38783 अधिकतम केस एक दिन
● 01 लाख से अधिक टेस्ट रोज
● 57 जिलों में स्थापित हो चुकी है बीएसएल-2 लैब
यह दिए गए दिशा-निर्देश:
जांच में तेजी लाई जाए. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर जीनोम सीक्वेंसिंग हो. प्रदेश में अभी केजीएमयू, जिम्स नोएडा में जिनोम सीक्वेंसिंग सुविधा उपलब्ध. सभी प्राचार्य सुनिश्चित करेंगे कि डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, मरीज, तीमारदार के लिए कोविड प्रोटोकॉल लागू हो. हेल्थ वर्कर की कमी पूरी कर वेंटिलेटरों को क्रियाशील रखा जाएगा. 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले और को-मार्विड मरीजों का विशेष ध्यान दिया जाए. पीडियाट्रिक आईसीयू, सामान्य आईसीयू का मॉक ड्रिल हो.