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झाँसी: पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण अब एप की मदद से होगा. इसके लिए केन्द्र सरकार ने यूविन एप लांच किया है. गोरखपुर में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. महिला अस्पताल में गर्भवती को यूविन एप के जरिये टीका लगा कर प्रमाण पत्र जारी करने के बाद गोरखपुर प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है. इस एप की एक विशेषता यह भी है कि एक बार पंजीकरण के बाद टीका लग गया, तो अगले टीके के लिए लाभार्थी के मोबाइल पर कई बार संदेश जाएगा.
सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक के पांच-पांच सत्रों को एप के जरिये संचालित किया जाएगा. शहर में भी नौ स्थानों पर एप के जरिये सत्र चलेंगे. जिले में इस समय 594 सत्र स्थलों पर नियमित टीकाकरण होता है. इनके अलावा सभी 23 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर छोड़ कर बाकी कार्यदिवसों में नियमित टीकाकरण किया जाता है. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ हरिओम पांडेय, यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि पवन सिंह और सहायक शोध अधिकारी अजीत सिंह की टीम इस एप पर जिले के सभी टीकाकरण सत्र को शुरू करने के लिए जुटी हुई है.
एम्स गोरखपुर में पॉयलट प्रोग्राम के तहत यूविन एप के जरिये टीकाकरण सत्र का संचालन किया गया था. केंद्र सरकार के निर्देश पर वहां 2000 से अधिक लाभार्थियों का सफल टीकाकरण किया जा चुका है.
पहले होगा पंजीकरण, फिर लगेगा टीका: डॉ. दूबे ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत लाभार्थी को सिर्फ एक मोबाइल और कोई एक पहचान पत्र देकर पंजीकरण करवाना है. कोविड टीकाकरण के समय जितने पहचान पत्र मान्य थे, वह सभी यूविन एप पर भी मान्य होंगे. एएनएम को सत्र स्थलों पर ही प्रशिक्षण देकर सत्र का संचालन किया जा रहा है. जिन बच्चों को टीके की कुछ डोज लगी हैं उन्हें बाकी डोज भी एप की मदद से ही लगाए जाएंगे. नई व्यवस्था से टीकाकरण संबंधी प्रमाण पत्र खुद डाउनलोड कर पीएम मातृ वंदन योजना जैसी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे.