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उत्तर प्रदेश
पांच हजार करोड़ से सुदृढ़ होगी उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था
Admin4
15 Nov 2022 1:59 PM GMT
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार राज्य में विद्युत व्यवस्था के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार (State government) की पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (रिवैंप), जिसमें प्रदेश सरकार की 60 फीसदी की हिस्सेदारी है, को जल्द ही धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को मिशन मोड में काम करने के लिए कह दिया गया है. उपभोक्ताओं को निर्बाध व सुरक्षित बिजली आपूर्ति देने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी डिस्काम को जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाकर काम शुरू करने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि काम में तेजी लाने और वर्तमान बिजली व्यवस्था के ढांचे में बदलाव का ब्लूप्रिंट शीघ्र तैयार कर लिया जाए. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अभी तकरीबन तीन करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं. मुख्यमंत्री (Chief Minister) की ओर से कह दिया गया है कि हर हाल में अगली गर्मी से पहले प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए मजबूत स्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अभी से रणनीति बनाकर काम शुरू किया जाए, जिससे इस साल की गर्मियों जैसी स्थिति का सामना न करना पड़े. इसके लिए नये सब स्टेशन बनाने, ट्रांसमिशन एवं वितरण की सुचारू व्यवस्था विकसित करने तथा नयी बिजली उत्पादन इकाइयों को सक्रिय करने पर युद्धस्तर पर काम किया जाए.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज के अनुसार रिवैंप योजना के तहत प्रदेश के कई जिलों में टेंडरिंग की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. इस योजना से प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में व्यापक बदलाव नजर आएगा. योजना को पूरी तरह से मूर्त रूप देने के लिए 2024-25 की डेडलाइन तय की गयी है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार की ओर से इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गयी है. सरकार की इस योजना को रिजल्ट ओरियेंटेड बनाया गया है. इसमें एग्रीगेट टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस (एटी एंड सी) को 12-15 फीसद तक लाना भी शामिल है. इसके अलावा एवरेज कॉस्ट सप्लाई और एवरेज रेवेंन्यू रिलाइजेशन को भी जीरो करना है. कुल मिलाकर बिजली के नुकसान को न्यूनतम स्तर पर लाना है.
वहीं मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ की ओर से बिजली विभाग के आला अधिकारियों को जल्द से जल्द फाइनल डीपीआर बनाने और टेंडरिंग प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए कह दिया गया है. अब तक चली आ रही आइपीडीएस, सौभाग्य एवं दीनदयाल उपाध्याय योजना को भी रिवैंप में समाहित किया जाना है. इसके तहत 33-11 केवी के नये बिजलीघर बनाये जाने हैं. साथ ही पहले से निर्मित 33-11 केवी बिजली घरों की क्षमता में भी वृद्धि की जाएगी. इसके अलावा 33 केवी की ओवरलोडेड लाइन और उनमें से जिनपर एक से ज्यादा बिजलीघर जुड़े हैं, उन्हें अलग-अलग किया जाएगा. इसके लिए अलग से नयी लाइनें बनेंगी. इसी प्रकार ओवरलोडेड बिजलीघरों की क्षमता में वृद्धि करना और नये डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाया जाना शामिल है.
योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी मजरों, गांवों, नगरों और महानगरों को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने का लक्ष्य है. इसके अलावा फॉल्ट होने या ब्रेक डाउन की स्थिति में केवल एक लाइन को प्रभावित करना, लो वोल्टेज की समस्या से निजात पाना तथा सुरक्षित बिजली आपूर्ति के लिए आरमर्ड सर्विस केबिल को उपयोग में लाना शामिल है. वहीं त्रुटिरहित और समय से बिजली बिल, स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग की व्यवस्था भी इस योजना में शामिल है. साथ ही हर फीडर की निगरानी करने के लिए अलग स्विच लगाए जाएंगे.
सरकार की ओर से प्रदेश में नये बने नगर निकायों में शहरों की भांति बिजली आपूर्ति देने के लिए मुख्यमंत्री (Chief Minister) नगर सृजन योजना के तहत धनराशि प्रदान करने की बात कही गयी है. इसके लिए भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नये सिरे से पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए अधिकारियों को कह दिया गया है.
Admin4
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