उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: जल्द उपयोग के लिए होगा उपलब्ध, IIT ने एम्स पटना के साथ मिलकर बनाया प्रोटोटाइप

Kajal Dubey
13 July 2022 12:16 PM GMT
उत्तर-प्रदेश: जल्द उपयोग के लिए होगा उपलब्ध, IIT ने एम्स पटना के साथ मिलकर बनाया प्रोटोटाइप
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अब कान की बीमारियों को पता लगाने के लिए किसी उपकरण को कान में नहीं डालना पड़ेगा। आईआईटी के प्रोफेसर ने एम्स पटना के डॉक्टरों के साथ मिलकर प्रोटोटाइप बनाया है। इस प्रोटोटाइप से निकलने वाली रोशनी कान में जाएगी और बीमारियों की सारी जानकारी डिवाइस में स्टोर की गई मेमोरी में आ जाएगी। इसका प्रिंटआउट निकाला जा सकेगा। अक्सर बच्चों से लेकर बड़ों में कान बहने, फंगस, सूजन सहित अन्य बीमारियां होती हैं।
इनका पता लगाने के लिए उपकरणों को कान में डालना पड़ता है, इससे काफी दर्द होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए आईआईटी के केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. जयंत कुमार सिंह और उनकी टीम थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर, थर्मल गन, ब्लड प्रेशर मॉनीटर की तरह कान की डिवाइस तैयार की रही है। आईआईटी की टीम व एम्स के डॉक्टरों ने अब तक पांच हजार से अधिक मरीजों की कान की बीमारियों संबंधित रिपोर्ट तैयार की है।
इनमें प्रमुख बीमारियों की जांच करने की सुविधा डिवाइस में दी जाएगी। डिवाइस आर्टिफिशल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित है। प्रो. जयंत कुमार सिंह ने बताया कि डिवाइस से ग्रामीण क्षेत्रों में कान के मरीजों की जांच करना आसान हो जाएगी। आशा वर्कर और एएनएम घर-घर जाकर परीक्षण कर सकेंगी। यह डिवाइस जल्द ही उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।
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