उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: अस्पताल में दो जुड़वां बच्चों को सही तरीके से नहीं मिला इलाज, एक की मौत

Kajal Dubey
22 Jun 2022 9:56 AM GMT
उत्तर-प्रदेश: अस्पताल में दो जुड़वां बच्चों को सही तरीके से नहीं मिला इलाज, एक की मौत
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फर्रुखाबाद। डॉ. राममनोहर लोहिया पुरुष अस्पताल के पीकू वार्ड में समय से इलाज न मिलने पर बीमार जुड़वां बच्चों में एक की मौत हो गई। परिजन दो घंटे तक दूसरे बच्चे को लोहिया और निजी अस्पताल के बीच दौड़ लगाते रहेे। सूचना पर पहुंचे प्रभारी सीएमओ के आने पर दूसरे बच्चे को भर्ती किया गया। एक बच्चे की मौत के बाद परिजन बिलखते रहे।
नवाबगंज थाने के गांव बमरुलिया निवासी मोर सिंह की पत्नी रीना (35) के ढाई माह पूर्व ऑपरेशन से दो जुड़वां बच्चे हुए थे। सोमवार को दोनों की अचानक तबियत खराब हो गई, तो नवाबगंज के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने लोहिया अस्पताल भेज दिया। मंगलवार सुबह करीब नौ बजे परिजन लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे।
दादी सूरज देवी और चाचा पूरन ने आरोप लगाया कि पीकू वार्ड में किसी डॉक्टर ने नहीं देेखा। बाहर ले जाने की बात कह दी। वह दोनों बच्चों को निजी अस्पताल लेकर चले, तो अस्पताल गेट पर ही बड़े बच्चे की सांसें धम गईं।
मोर सिंह छोटे बेटे को निजी अस्पताल ले गए, मगर वहां भी डॉक्टर ने भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसके बाद मोर सिंह फिर लोहिया अस्पताल पहुंचे और पीकू वार्ड के डॉक्टर से भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे। मोर सिंह के छोटे भाई पूरन ने बताया कि डाक्टर ने ऑक्सीजन न होने की बात कह दी।
परिजनों को अस्पताल के बाहर परेशान देख किसी ने सीएमओ को फोन पर सूचना दे दी। कुछ ही देर में प्रभारी सीएमओ डॉ. दलवीर सिंह और प्रभारी सीएमएस डॉ. अजय कुमार मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बच्चे को देखा और पीकू वार्ड में भर्ती कराया। छोटे बेटे की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
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