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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: 48 एकड़ जमीन पर होगा स्थापित, खाद कारखाने के पास खुलेगा वेटनरी कॉलेज
Kajal Dubey
14 July 2022 3:04 PM GMT
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खाद कारखाने के पास ही प्रदेश का पांचवां वेटनरी कॉलेज खुलेगा। इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। मथुरा स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान से पहुंची विशेषज्ञों की टीम ने बुधवार की सुबह जमीन का निरीक्षण भी कर लिया। इसी विश्वविद्यालय से वेटनरी कॉलेज संबद्ध होगा।
जमीन पर अंतिम मुहर के लिए शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। करीब चार साल बाद प्रदेश के पांचवें वेटनरी कॉलेज की स्थापना के लिए जमीन की तलाश पूरी हो सकी है। पुराने खाद कारखाने की 48 एकड़ जमीन इसके लिए चिह्नित की गई है। यहीं पर कॉलेज के साथ ही चारागाह भी स्थापित किया जाएगा। करीब चार एकड़ जमीन बाद में चिह्नित की जाएगी। माना जा रहा है कि जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। दो साल में इसके पूरा होने की उम्मीद है। प्रशासन द्वारा यह जमीन निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
वेटनरी कॉलेज के लिए सबसे पहले चरगांवा में 30 एकड़ जमीन पशुपालन विभाग के नाम की गई थी। चारागाह के लिए खाद कारखाना परिसर में जमीन उपलब्ध कराने को कहा गया था। यहां भी जमीन चिह्नित की गई थी। बाद में यह तय किया गया कि भटहट क्षेत्र के जंगल डुमरी नंबर दो में जमीन दी जाए। यहां आयुष विश्वविद्यालय एवं वेटनरी कॉलेज के लिए एक साथ जमीन देने का निर्णय किया गया।
इस जमीन को भी पशुपालन विभाग के नाम किया गया लेकिन राजस्व विभाग यह नहीं जान पाया कि जमीन वन विभाग की है। वन विभाग की आपत्ति के बाद राजस्व विभाग को कदम वापस लेने पड़े। इस मामले में शासन ने नाराजगी भी जताई थी। इसके बाद भटहट के पिपरी में आयुष विश्वविद्यालय के लिए जमीन देकर शिलान्यास भी करा दिया गया लेकिन वेटनरी कॉलेज के लिए जमीन नहीं मिली।
विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर ताल कंदला की जमीन पर नहीं बनी सहमति
सदर तहसील प्रशासन ने इसके बाद ताल कंदला में 50 एकड़ से अधिक जमीन चिह्नित की। एक ही जगह वेटनरी कॉलेज एवं चारागाह, दोनों के लिए जगह उपलब्ध हो सके, इसके लिए यही जमीन फाइनल करने का निर्णय ले लिया गया था। पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान मथुरा की विशेषज्ञ समिति ने इस जमीन का निरीक्षण भी कर लिया था।
टीम ने इसे सही नहीं बताया था। बाद में यह तय हुआ कि पीडब्ल्यूडी से यहां मिट्टी भरवाकर इसी जमीन का प्रयोग किया जाएगा लेकिन छह जून को मुख्यमंत्री ने इस जमीन को अनुपयुक्त बताया। दो दिवसीय गोरखपुर दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने 20 जून को अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए वेटनरी कॉलेज के लिए जल्द जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया था।
विशेषज्ञों की टीम ने डीएम के साथ की बैठक
निरीक्षण करने वाली टीम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान केंद्र मथुरा के डीन डॉ. पीके शुक्ला, सर्जरी विभाग के प्रोफेसर एवं हेड डॉ. आरपी पांडेय के अलावा गोरखपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीपी सिंह के साथ लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। निरीक्षण के बाद विशेषज्ञों की टीम ने शाम को डीएम कृष्णा करुणेश और एसडीएम सदर कुलदीप मीणा से मिलकर जमीन पर चर्चा की। टीम ने चिह्नित जमीन पर अपनी संतुष्टि जताई है।
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