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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: आठ करोड़ के गबन में फंसे ये 14 अधिकारी, सभी को भेजे गए नोटिस
Kajal Dubey
14 July 2022 4:19 PM GMT

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सहारनपुर में पिछले वर्ष हुए पंचायत चुनाव के दौरान प्रशासक के तौर पर नियुक्त किए गए 14 अधिकारियों के आठ करोड़ के गबन में संलिप्त मिलने पर मंडलायुक्त ने कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद सीडीओ को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके पश्चात मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी की ओर से इनको नोटिस भेजे गए हैं। जांच कमेटी की रिपोर्ट में सामने आया है कि पंचायत चुनाव में प्रशासक के तौर पर नियुक्त किए 14 अधिकारियों ने 98 ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के नाम पर आठ करोड़ रुपये का गबन किया है।
दरअसल, पिछले वर्ष ग्राम पंचायतों में प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो गया था तो पंचायतों पर प्रशासक के तौर पर सहायक विकास अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी तैनात किए गए थे। गंगोह निवासी अनुज चौधरी ने मंडलायुक्त को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि इन प्रशासकों ने विकास कार्य के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए, जबकि कहीं पर कोई काम नहीं हुआ है।
मंडलायुक्त ने संयुक्त विकास आयुक्त सुरेंद्र राम की अध्यक्षता में अपर निदेशक कोषागार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी और लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता की कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। कमेटी ने विकास कार्यों से संबंधित इन अधिकारियों से अभिलेख मंगवाए, लेकिन इन्होंने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। इतना ही नहीं, ये अधिकारी कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित भी नहीं हुए। कमेटी ने जांच रिपोर्ट मंडलायुक्त लोकेश एम. को सौंपी, जिसमें कमेटी ने इन अफसरों की आठ करोड़ के गठन में संलिप्तता बनाते हुए इनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की संस्तुति की है। मंडलायुक्त ने मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार को इनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। सीडीओ और डीपीआरओ ने गबन में फंसे अधिकारियों को नोटिस भेजे हैं।
इन पर है गबन का आरोप
एडीओ प्रमोद कुमार, बीडीओ नीटू कुमार, अमित कुमार, आकाश तोमर, विवेक कुमार, अंकित तोमर, जितेंद्र कुमार, विकास त्यागी,जय प्रकाश वर्मा, किरतपाल, प्रदीप कुमार, दीपक पुंडीर, रविंद्र कश्यप, योगेंद्र कुमार शामिल हैं।
मांगा था जवाब, तत्कालीन प्रधानों की भूमिका संदिग्ध
पिछले वर्ष चुनाव के बाद जिला पंचायत राज विभाग की ओर से जानकारी मांगी गई थी कि कहां-कहां विकास क्या कार्य हुए हैं। इसकी सूची दी जाए। साथ ही विकास कार्य के फोटोग्राफ और वीडियो भी उपलब्ध कराएं। गबन के मामले में कई पूर्व ग्राम प्रधानों की भूमिका भी संदिग्ध मिली थी।
गंगोह ब्लॉक के 98 ग्रामों में प्रशासकों द्वारा नियुक्ति के दौरान आठ करोड़ रुपये के गबन की शिकायत मिली थी। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन पर आरोप सही पाए है और कार्रवाई की संस्तुति की है। इस संबंध में सभी 14 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्य विकास अधिकारी को आदेशित किया है।
शिकायत के बाद कमेटी द्वारा की गई जांच में चुनाव से पूर्व नियुक्त प्रशासकों पर लगे आरोप सही पाए गए हैं। मंडलायुक्त ने इनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके तहत विभाग की ओर से सभी को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजे गए हैं।
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