उत्तर प्रदेश

Uttar Pradesh: रात भर बरसात से टापू बने उन्नाव के कई मुहल्ले

Jyoti Nirmalkar
9 Aug 2024 4:46 AM GMT
Uttar Pradesh: रात भर बरसात से टापू बने उन्नाव के कई मुहल्ले
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उन्नाव Unnao : गुरुवार दुपहरी और फिर देर रात बारिश की शुरुआत हुई तो मिजाज बदल गया। लगातार बारिश से शहर के कई मोहल्ले टापू बन गए। मानसून की दस्तक के साथ ही जिले में विद्युतापूर्ति की व्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ा गई है। इंसुलेटर खराब हो गए है तो कहीं हल्की आंधी से खंभे आड़े-तिरछे हो रहे हैं। गुरुवार की पूरी रात बिजली की आवाजाही बनी रही, जिससे लोगों की रात बेचैनी में कटी। इसके बाद अलसुबह पांच बजे व्यवस्थाएं पटरी पर लौटी की फिर
Line Breakdown
लाइन ब्रेकडाउन हो गया। पुरवा व मौरावां के अलावा हिलौली में तो 33 केवी लाइन पर डाल गिरने से दिक्कते आई। हसनगंज, सोहरामऊ, आशाखेड़ा गांव में तो बारिश की बूंदे पड़ने भर से बत्ती गुल रही। सुबह सात बजे के बाद तक भी बिजली न आने की वजह से घरों में लगीं पानी की मोटरें भी नहीं चल पाईं, जिससे लोगों को पानी के लिए भी परेशानी उठानी पड़ी। अभियंता कहते है कि बारिश में बिजली करंट का प्रवाह अधिक हो जाता है, ऐसे में लाइनें हीट कर फॉल्ट करती है। आग लगने का खतरा भी बढ़ता है, इसलिए आपूर्ति रोकना मजबूरी होती है।
मेहरबान मानसून के बाद गुरुवार रात करीब 11 बजे अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। इससे शहर के कब्बाखेड़ा व सिटी पावर हाउस क्षेत्र में कई स्थानों पर फाल्ट आ गया। जिससे सिविल लाइन, मौहारी, Rampuri रामपुरी, पूरननगर, कब्बाखेड़ा, कचहरी, पीडीनगर, इंद्रानगर आदि इलाकों में पूरी रात बिजली नहीं आई। पीडी नगर व दही क्षेत्र दे जुड़े उपभोक्ता भी बिन बिजली परेशान रहे। सुबह पानी की समस्या होने पर लोगों ने अभियंताओ को फोन घनघनाने शुरू किए तो आपूर्ति बहाली की याद आई। रात गई बिजली इन जगहों पर सुबह बहाल कराई गई। 44 लाख से अधिक खर्च के बावजूद व्यवस्थाएं चौपट बारिश ने शहर की जलनिकासी की व्यवस्था की भी पोल खोल दी। शहर के प्रमुख मार्गों के साथ ही सिविल लाइंस में डीएम आवास परिसर के अंदर तक पानी भर गया। कई सरकारी कार्यालय भी रात की बारिश में सुबह डूबे मिले। पूरननगर, क्वेटा तालाब नई बस्ती, रामपुर, बंधूहार, आवास विकास कालोनी आदि मोहल्लों में भी पानी भर गया। सदर चौकी के सामने, छोटा व बड़ा चौराहा सहित सब्जी मंडी में मुख्य मार्ग पर पानी भरा रहा। लोगों का कहना है कि तकरीबन 44 लाख से अधिक खर्च से हुई नाला सफाई में खेल हुआ है। इसलिए जलभराव से जूझना पड़ रहा है।
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