- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- उत्तर-प्रदेश: जिरह की...
उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: जिरह की कार्यवाही नहीं हो सकी पूरी, 31 साल पुराने मामले में चश्मदीद का बयान दर्ज
Kajal Dubey
7 July 2022 1:06 PM GMT
x
पढ़े पूरी खबर
विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) सियाराम चौरसिया की अदालत में बुधवार को अवधेश राय हत्याकांड के चश्मदीद साक्षी विजय कुमार पांडेय का बयान दर्ज किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच पहुंचे साक्षी ने अपने बयान में मुख्तार अंसारी, राकेश न्यायिक, कमलेश सिंह व भीम सिंह के साथ ही एक अज्ञात द्वारा अवधेश राय की गोली मारकर हत्या किए जाने का बयान दर्ज कराया।
एडीजीसी ज्योतिशंकर उपाध्याय ने गवाह का बयान दर्ज कराया। गवाही पूरी होने के बाद बचाव पक्ष की ओर से गवाह से जिरह की कार्यवाही शुरू की गई। इस दौरान अदालत में उपस्थित गवाह विजय पांडेय से जिरह की कार्यवाही पूरी नहीं होने पर अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 8 जुलाई नियत कर दी।
अभियोजन का साक्षी विजय कुमार पांडेय अपने अधिवक्ता अनुज यादव व विकास सिंह के साथ कोर्ट में हाजिर हुआ। तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर स्थित आवास के गेट पर अवधेश राय की फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। अवधेश राय के भाई अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
इसी मुकदमे में पिछले तिथि को पूर्व विधायक से जिरह का अवसर समाप्त होने के बाद अदालत ने गवाह विजय कुमार पांडेय को जरिये सम्मन अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था। जिस पर मुकदमे के वादी पूर्व विधायक अजय राय भी गवाह विजय पांडेय के साथ कोर्ट पहुंचे थे।
दहेज हत्या में पति को 10 और सास-ससुर को सात-सात साल की कैद
फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरी की अदालत ने दहेज हत्या मामले में पति आसिफ शेख को दोषी पाते हुए 10 वर्ष और सास अंजू उर्फ अंजुम, ससुर नाजिम शेख को सात-सात वर्ष की कड़ी कैद की सजा सुनाई है। इस दौरान कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों पर 36-36 हजार जुर्माना लगाया है।
एडीजीसी मनीष राय के मुताबिक शिवपुरवा निवासी वादी कमाल शेख ने बहन मुनेफा बीबी की शादी 18 मई 2018 को चौक निवासी अभियुक्त आसिफ शेख के साथ की थी। अभियुक्तगण मेहर की दो लाख रुपये की मांग को लेकर प्रताड़ित करते थेे। इस बीच 20 सितंबर 2018 को जानकारी मिली कि उसकी बहन की मृत्यु हो गई है।
वादी और अन्य लोग ससुराल पहुंचकर मृत्य के कारणों को जानना चाहा तो सभी गाली गलौज करते हुए ससुराल से भगाने लगे। मृतका के गले पर काला निशान और शरीर पर चोट पाए गए। सिगरा थाने में दर्ज मुकदमे में अदालत ने अभियुक्तों को विचारण के बाद दोषी पाया और सजा सुना दी।
Next Story