उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने दिखाई सख्ती, बिजली चोरी में लापरवाही बरतने पर 1800 इंजीनियर फंसे, एक सप्ताह में मांगा जवाब

Renuka Sahu
16 May 2022 6:15 AM GMT
Uttar Pradesh Power Corporation showed strictness, 1800 engineers trapped for negligence in power theft, sought reply in a week
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फाइल फोटो 

उत्तर प्रदेश में बिजली संकट के बीच राज्य सरकार ने बिजली की चोरी रोकने के लिए इंजीनियर को टास्क दिया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बिजली संकट के बीच राज्य सरकार ने बिजली की चोरी रोकने के लिए इंजीनियर को टास्क दिया है. लेकिन राज्य में बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियान में 1800 से अधिक जूनियर इंजीनियर और इंजीनियर चोरी पकड़ने के बाद एफआईआर करन में विफल रहे. लिहाजा अब वह एफआईआर (FIR) करने में देरी के कारण फंसते हुए नजर आ रहे हैं. जिसके बाद उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (UP Power Corporation) प्रबंधन की ओर से इंजीनियर्स को नोटिस भेजा जा रहा है और उनसे एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. अगर कोई इंजीनियर इसका जवाब नहीं देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

फिलहाल पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन से नोटिस मिलने के बाद अवर अभियंताओं और इंजीनियरों में हड़कंप मचा हुआ है और इसके लिए इंजीनियर प्रबंधन को ही दोषी बता रहे हैं. गौरतलब है कि 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज नहीं करने के दोषी जूनियर इंजीनियरों और इंजीनियरों की सूची तैयार करने को पावर कॉरपोरेशन ने कहा था. इसके लिए पावर कॉरपोरेशनने इस मामले में चिन्हित किए गए जूनियर इंजीनियरों और इंजीनियरों को नोटिस देने का फैसला किया है और कई इंजीनियर्स को नोटिस भी दिए जा चुके हैं.
24 घंटे में एफआईआर दर्ज करने को कहा था
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने आरएमएस पोर्टल से 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने को कहा था. लेकिन इंजीनियर्स ने एफआईआर नहीं की. जिसके बाद इन इंजीनियर्स की सूची बनाने को कहा गया था. प्रबंधन का कहना है कि इंजीनियर्स बिजली चोरी के मामलों में एफआईआर दर्ज करने को लेकर उदासीन रहे और उन्हें नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है. फिलहाल प्रबंधन ने एक जनवरी से 18 फरवरी के बीच प्राथमिकी दर्ज करने में लापरवाही का आंकड़ा लिया है.
इंजीनियर्स थानों को दे रहे हैं दोष
इस मामले में खुद का गला फंसता देख इंजीनियर्स अब पुलिस को दोषी बता रहे हैं और उनका कहना है कि बिजली चोरी के मामले पकड़ने के 24 घंटे के अंदर ही उनकी ओर से थानों में एफआईआर कर दी गई थी. लेकिन थाना स्तर पर एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई है. इंजीनियर्स का कहना है कि एकतरफा नोटिस दी जा रही है.
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