उत्तर प्रदेश

उत्तरप्रदेश: अपहरण हुए तीन नाबालिग बहनों को परिवार से पुलिस ने मिलाया

Deepa Sahu
13 April 2022 11:03 AM GMT
उत्तरप्रदेश: अपहरण हुए तीन नाबालिग बहनों को परिवार से पुलिस ने मिलाया
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नई दिल्ली जिले की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद स्थित शिकोहाबाद थाना इलाके के तीन नाबालिग लड़कियों के अपहरण के मामले को सुलझाते हुए.

नई दिल्ली/लखनऊ: नई दिल्ली जिले की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद स्थित शिकोहाबाद थाना इलाके के तीन नाबालिग लड़कियों के अपहरण के मामले को सुलझाते हुए, उन्हें झंडेवालान स्थित कात्यायनी बालिका आश्रम से बरामद किया है. शिकोहाबाद पुलिस थाने में पिछले साल 3 अक्टूबर को तीन नाबालिग बहनें जिनकी उम्र 5 साल, 9 साल और 12 साल है की किडनैपिंग की शिकायत दर्ज की गई. पुलिस के अनुसार, बच्चियां गलती से ट्रेन में सवार हो गईं थी, और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंच गई थीं. उन्हें रेलवे पुलिस की मदद से बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष पेश किया गया था. 21 अक्टूबर को सीडब्ल्यूसी के आदेश पर बच्चियीं को कात्यायनी बालिका आश्रम भेज दिया गया.

पुलिस ने बताया कि, 11 अप्रैल को नई दिल्ली जिला के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के एसआई भरत लाल और एएसआई रिशाल सिंह की टीम ने कात्यायनी बालिका आश्रम का दौरा किया. इस दौरे का उद्देश्य आश्रम में रहने वाले बच्चों की पहचान के बारे में जानकारी करना और उनके परिवार के विवरण का पता लगाना था. आश्रम, की प्रभारी मीनू तिवारी की उपस्थिति में बच्चों से उनके आवास और परिवार के बारे में पूछताछ की गई. अधिकारियों के फ्रेंडली स्वभाव की वजह से एक बच्ची ने एसआई भरत लाल को अपने एड्रेस में फिरोजाबाद का जिक्र किया गया.
पूछताछ में पता चला कि बच्ची अपनी दो बहनों के साथ आश्रम आई थी. इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए, अधिकारी तुरंत हरकत में आए और ज़िपनेट पर अपलोड किए गए लापता व्यक्तियों के डेटा की जांच की. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के प्रत्येक पुलिस थाने में लापता बहनों का विवरण प्रसारित किया गया.पुलिस कर्मियों को पता चला कि इन लड़कियों के लापता होने के संबंध में 3 अक्टूबर 2021 को शिकोहाबाद में मामला दर्ज किया गया है. पहचान के लिए संबंधित थाने के पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें दिल्ली बुलाया गया. 12 अप्रैल को बच्चियों के परिजन, जांच अधिकारी के साथ मंदिर मार्ग थाने पहुंचें, जहां सही शिनाख्त के बाद पांच महीने से कात्यायनी बालिका आश्रम में रह रही तीनों बहनों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया.
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