उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: चमत्कार मान रहे लोग, सरयू नदी की रेत में मिला चांदी का 30 किलो वजनी शिवलिंग

Kajal Dubey
17 July 2022 10:59 AM GMT
उत्तर-प्रदेश: चमत्कार मान रहे लोग, सरयू नदी की रेत में मिला चांदी का 30 किलो वजनी शिवलिंग
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सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है और इसी बीच यूपी के मऊ जिले में सरयू नदी पुल के नीचे रेत में 30 किग्रा का चांदी का शिवलिंग मिला है। चांदी के शिवलिंग का मिलना लोग चमत्कार मान रहे हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस उसे थाने ले आई। बाद में आचार्य उसे मंदिर लाए और उसका रूद्राभिषेक किया।
जानकारी के मुताबिक, दोहरीघाट कस्बा निवासी राममिलन निषाद शनविरा सुबह नदी में नहा रहा था। वह पूजा पात्र को धोने के लिए नदी से मिट्टी निकाल रहा था कि उसे रेत में कुछ होने का आभास हुआ तो वह वहां खोदने लगा। इसी बीच उसने मछली पकड़ रहे रामचंद्र निषाद को बुलाया। दोनों को खोदाई में चांदी का शिवलिंग मिला तो आश्चर्य चकित रहे गए।
सवा फीट ऊंचा है शिवलिंग
सूचना मिलने पर रामचंद्र निषाद की लड़की पूनम साहनी सवा फीट ऊंचे लगभग 25 से 30 किलो वजन वाले चांदी के शिवलिंग को घर लाई और उसे साफ किया। घर के बगल में मेला राम मंदिर के निकट प्राचीन शिव मंदिर में श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक कर रहे आचार्य श्यामजी पांडेय वहां पहुंचे और शिवलिंग को मंदिर में लाए। श्यामजी पांडेय, प्रदीप पांडेय, आनंद पांडेय आचार्यों ने शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया। आचार्य श्यामजी पांडेय की सूचना पर पहुंची पुलिस शिवलिंग को थाने ले आई। दर्शन-पूजन कराने का आश्वासन दिया।
शिवलिंग मिलते ही कस्बे में गूंजा हर-हर महादेव
सरयू नदी की रेत में मिले चांदी के शिवलिंग ने आस्थावानों में खुशी पैदा कर दी। कस्बा हर हर महादेव से गूंज उठा। हजारोें की संख्या में जुटे लोगों ने शिवलिंग का दर्शन कर पूजन किया। चांदी का शिवलिंग होने के नाते मेला राम बाबा मंदिर के बगल में शिव मंदिर पर उसे रखा गया। यहां शिवमंदिर के पुजारी श्याम बाबा ने रुद्राभिषेक कर इसकी सूचना पुलिस को दी।
हालांकि पुलिस शिवलिंग को सुरक्षा की दृष्टि से थाने तो ले आई लेकिन श्रद्धालुओं का रेला उस चांदी के शिवलिंग को देखने और उसका दर्शन करने लिए उमड़ता रहा। कस्बे की हर गली, नुक्कड़, चौराहे पर लोग शिवलिंग की ही चर्चा करते रहे। लोग इसे महादेव का चमत्कार ही बताते रहे कि उन्होंने कस्बावासियों को दर्शन देकर उन्हें श्रावण मास का बेहतर पुण्य दे दिया।
जीरा मछली मारने के दौरान मिला शिवलिंग
जुलाई माह में मछली के बच्चे 'जीरा' को पकड़ा जाता है। इसे पकड़ने के लिए मछुआरे भोर तथा शाम को लगे रहते हैं। है। क्योंकि उस समय 'जीरा' ऊपरी सतह पर किनारे रहते हैं। शनिवार की भोर में भी मछुआरे 'जीरा' के लिए जाल लगा रहे थे। इसी दौरान उन्हें शिवलिंग मिला। जीरा मछली के बीज को लेकर कहा जाता है कि मछुआरे इसे पकड़ने के बाद इसे मछुआरे बड़े बड़े हौद में पालते हैं। इसके बाद इसे बेच देते हैं। इसकी विशेषता है कि यह साल भर में दो किलो से ज्यादा का हो जाता है।
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