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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: डायरिया और बुखार से लोग हो रहे बीमार, गर्मी की मार...
Kajal Dubey
15 July 2022 3:25 PM GMT
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तापमान 34 डिग्री और आर्र्दता 61। तपती जुलाई की इस उमस भरी गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। आलम ये है कि लोग डायरिया, बुखार, सांस लेने में दिक्कत और शरीर में एलर्जी के शिकार हो रहे हैं। बृहस्पतिवार को जिला अस्पताल के जनरल फिजीशियन ने इन बीमारियों से ग्रसित 250 मरीजों और दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय के जनरल फिजीशियन ने 400 मरीजों को उपचार दिया है। ये संकेत हैं कि अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो गर्मी जनित बीमारियां अपने पैर पसार लेंगी।
जिला अस्पताल में बृहस्पतिवार को 16 और दीनदयाल चिकित्सालय में आठ डॉक्टर ओपीडी में मौजूद रहे। जिला अस्पताल में 1600 और दीनदयाल चिकित्सालय में 1400 मरीज ओपीडी में पहुंचे। 50 फीसदी से अधिक मरीज गर्मी जनित बीमारियाें से ग्रसित थे। ज्यादातर जनरल फिजीशियन को दिखाने की कतार में थे। दोनों जगहों पर भीड़ अधिक होने के कारण मरीजों को दूसरे डॉक्टरों के पास भेजा गया। तब जाकर दो बजे तक की ओपीडी में इन मरीजों को उपचार दिया जा सका। जिला अस्पताल के डॉक्टर एसके वर्मा बताते हैं कि ऐसे मौसम में डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी का खतरा रहता है। 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीज उल्टी दस्त, बुखार, एनीमिया, शरीर में एलर्जी व सांस फूलने के आ रहे हैं। वे बताते हैं कि पहले से खून की कमी से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को इस मौसम में परेशानी हो रही है। उमस में सांस फूलने की दिक्कत हो रही है। वे स्वीकारते हैं कि बृहस्पतिवार को मरीज कम आते हैं। अन्य दिनों में ये संख्या 400 तक रहती है। इसी तरह दीनदयाल चिकित्सालय में दो डॉक्टर नहीं थे। इसलिए मरीजों के बीच इलाज के लिए मारामारी रही। डॉक्टर अनिरुद्ध बताते हैं कि डायरिया, बुखार, एलर्जी व सांस फूलने के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। उनके यहां आज 400 मरीज आए, जिनमें से कुछ मरीज भीड़ अधिक होने के कारण दूसरे डॉक्टर के पास भेजे गए।
साफ पानी का करें इस्तेमाल
डॉक्टर बताते हैं कि साफ पानी ही इन दिनों की बीमारियों से सबसे बड़ा बचाव है। अगर पानी जरा भी गड़बड़ हुआ तो आपको बीमार कर देगा। इस मौसम में डायरिया गंदे पानी के इस्तेमाल से ही होता है।
गर्मी से डिहाइड्रेशन व बुखार के लक्षण
- तेज सिरदर्द होना।
- त्वचा सूखी होना।
- ज्यादा देर तक पेशाब न आना।
- पेशाब पीले रंग का आना, चक्कर आना, घबराहट महसूस होना।
- मुंह सूखना, सुस्ती और थकान होना।
- कमजोरी महसूस होना।
- ऐसे करें बचाव
- धूप से बचाव के लिए सिर पर टोपी या कपड़ा रखें।
- पानी और तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें।
- मौसमी फल तरबूज, खरबूजा, ककड़ी आदि का सेवन करें।
- काम करते समय पानी की बोतल साथ रखें।
- दही और लस्सी का सेवन करें।
- पानी में नमक डालकर पीएं।
- डायरिया होने पर बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाएं।
- चिकित्सक की सलाह से उपचार कराएं।
- इस मौसम में डायरिया, बुखार आदि के मरीज अधिक आ रहे हैं। बारिश न होना इसका बड़ा कारण है। अस्पताल में हर मरीज को उपचार देने का प्रयास किया जा रहा है।
- डॉ.अनुपम भास्कर, सीएमएस दीनदयाल चिकित्सालय।
- मौसमी बीमारियों वाले मरीजों की संख्या अधिक है। ओपीडी में सुबह से भीड़ लगने लगती है। हर मरीज को बेहतर उपचार देने का प्रयास किया जा रहा है।
- डॉ.ईश्वर देवी बत्रा, सीएमएस, जिला अस्पताल
सुबह से लगे थे लाइन में
क्वार्सी के श्रीनगर की पिंकी देवी गर्मी में सांस फूलने से पीड़ित हैं। वह सुबह दीनदयाल चिकित्सालय में उपचार के लिए पहुंच गईं, मगर दोपहर में नंबर आ सका। इसी तरह अतरौली के किशन को एलर्जी की शिकायत थी। उसका भी सुबह से लाइन में लगने पर दोपहर में नंबर आ सका।
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