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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: योगी सरकार से नाराजगी पर दिया वन लाइनर जवाब, दिनेश खटीक के 'इस्तीफे' से मची हलचल
Kajal Dubey
20 July 2022 9:02 AM GMT
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योगी आदित्यनाथ सरकार के जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की चर्चा सुबह से लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में तैर रही है। दोपहर होते-होते कथित तौर पर गृहमंत्री अमित शाह को लिखे गए उनके इस्तीफे का एक कथित मजमून भी सोशल मीडिया में वायरल हो गया जिसमें उन्होंने अपने विभाग के अफसरों पर तमाम तरह के आरोप लगाए हैं।
बताया जा रहा है कि दिनेश खटीक ने अपने इस्तीफे की कॉपी सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल को भेज दिया है। हालांकि बुधवार को काफी देर तक अनरिचेबल रहने के बाद मेरठ के गंगानगर स्थित आवास पर खटीक मीडिया के सामने आए तो इस्तीफे के बारे में पूछे गए तमाम सवालों को वन लाइनर जवाब देकर आगे बढ़ गए। उन्होंने मीडिया से सिर्फ इतना कहा-'कोई विषय नहीं है।'
बस इतना कहते हुए वह गाड़ी में बैठे और रवाना हो गए। दिनेश खटीक कहां गए हैं इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया लेकिन चर्चा है कि वह दिल्ली गए हैं। वहां एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री से उनकी मुलाकात हो सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें दिल्ली बुलाया है। हालांकि किसी भी स्तर से इस तरह की चचाओं या दिनेश खटीक के इस्तीफे के बारे में अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।
आइए अब हम आपको दिनेश खटीक की नाराजगी और उसके पहले उनके राजनीतिक सफर के बारे में थोड़ी जानकारी दे दें। दिनेश खटीक हस्तिनापुर सीट से यूपी विधानसभा के सदस्य हैं। वह बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं। 45 वर्षीय दिनेश खटीक योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी मंत्री बने थे। इस बार उन्हें दोबारा जल शक्ति विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया है। दिनेश खटीक मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। इन्होंने सन 2017 में पहली बार भाजपा की ओर से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। उन्होंने यह जीत बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर हासिल की।
बताया जाता है कि दिनेश खटीक की तीन पीढ़ियां आरएसएस से जुड़ी रही हैं। वह शुरू से संघ के कार्यकर्ता फिर भाजपा में रहे हैं। उनके पिता और दादा भी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। इनके भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। बताया जाता है कि दिनेश खटीक का फलावदा में ईंट भट्टे का व्यवसाय है। मौजूदा समय में वह मेरठ के गंगानगर में रहते हैं। उन्होंने 2017 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को मात दी थी। तभी से उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजपी के युवा दलित चेहरे के रूप में देखा जाने लगा।
दिनेश खटीक को करीब जानने वालों का कहना है कि वह मेरठ के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा और प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल दोनों के करीब रहे हैं। स्थानीय राजनीति में उनका नाम कुछ विवादों से भी जुड़ा लेकिन पार्टी ने वेस्ट यूपी के राजनीतिक समीकरणों को साधते हुए दिनेश खटीक को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया। उन्हें पहली बार 2021 में योगी सरकार में बतौर जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री शामिल किया गया और इस बार भी राज्यमंत्री के तौर पर उन्हें जलशक्ति विभाग मिला।
दिनेश खटीक के राजनीतिक सफर पर नज़र डालें तो वह 1994 में फलावदा, मेरठ में संघ के खंड कार्यवाह बनाए गए थे। 2006 में उन्होंने विहिप और बजरंग दल में काम किया। 2007 में उन्हें मेरठ भाजपा का जिला मंत्री बनाया गया। 2010 में मेरठ भाजपा के जिला उपाध्यक्ष बनें। 2013 में मेरठ भाजपा जिला महामंत्री बने और 2017 में हस्तिनापुर सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने। 2021 में सीएम योगी ने उन्हें जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का राज्य मंत्री बनाया। 2022 में हस्तिनापुर से लगातार दूसरी बार विधायक बने तो सीएम ने उन्हें एक बार फिर बतौर राज्यमंत्री जल शक्ति विभाग सौंपा।
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