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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: दो मृत इंजीनियरों के नाम पर लिया एक करोड़ का लोन, बनाया फर्जी आधार
Kajal Dubey
29 Jun 2022 10:21 AM GMT

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कानपुर में जेल में बंद मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा के बैंक खातों से 84 लाख रुपये पार करने के आरोपी हैदराबाद के साइबर ठग गिरोह का एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। हैदराबाद में इन ठगों ने दो मृत सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के नाम पर एक करोड़ रुपये का लोन ले लिया था।
जब लोन चुकता नहीं किया गया तो बैंक की तरफ से शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने गिरोह के छह गुर्गों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पिछले एक साल में करीब दस करोड़ रुपये गिरोह ने इसी तरह से पार किए हैं। सूर्यांश खरबंदा के दो बैंक खातों से 84 लाख रुपये पार हुए थे। क्राइम ब्रांच ने सोमवार को मामले का खुलासा कर हैदराबाद निवासी निमग्दा फनी चौधरी और यारा साई किरन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
निमग्दा गिरोह का सरगना है। क्राइम ब्रांच ने जब उनसे पूछताछ की और गिरोह का आपराधिक इतिहास निकाला तो बड़ा तथ्य सामने आया। जानकारी मिली कि 2020 में हैदराबाद में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर की अलग-अलग हादसों में मौत हो गई थी। जानकारी होते ही निमग्दा ने अपने पांच साथियों के साथ साजिश रची और इन इंजीनियरों के नाम से 50-50 लाख रुपये का लोन निजी बैंक से ले लिया था।
इस तरह किया था पूरा खेल, आठ खाते सीज कराए गए
क्राइम ब्रांच के मुताबिक इंजीनियरों की मौत की खबर जब गिरोह को लगी तो उनके बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। सोशल मीडिया और जिस कंपनी में वे काम करते थे उसकी वेबसाइट से दोनों के बारे में ठगों ने जानकारी जुटाई।
नाम, पता, ईमेल व मोबाइल नंबर मिलने के बाद उसका आधार कार्ड निकलवाया, जिसमें निमग्दा ने अपनी फोटा लगाई। उसके बाद निजी बैंकों से 50-50 लाख रुपये का लोन ले लिया। आरोपियों का जब आपराधिक इतिहास निकाला गया तब इसकी जानकारी हुई। क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के आठ बैंक खाते सीज कराए हैं, जिनमें वर्तमान में कुल पांच लाख रुपये हैं। ठगों ने मोटी रकम रियल इस्टेट व अन्य धंधों में लगा रखी है। कानपुर पुलिस हैदराबाद पुलिस से एफआईआर की कॉपी और अन्य दस्तावेज ले आई है।
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