उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: नए SSP रोहित सिंह बोले-भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, कानून व्यवस्था प्राथमिकता

Kajal Dubey
27 Jun 2022 2:52 PM GMT
उत्तर-प्रदेश: नए SSP रोहित सिंह बोले-भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, कानून व्यवस्था प्राथमिकता
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2013 बैच के आईपीएस रोहित सिंह सजवान को मेरठ का एसएसपी बनाया गया है। वह पौने दो साल से बरेली में तैनात थे। रोहित ने फोन पर अमर उजाला को बताया कि मेरठ में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करूंगा और कानून व्यवस्था प्राथमिकता रहेगी। बेहतर पुलिसिंग करने की कोशिश रहेगी। आईपीएस रोहित सिंह सजवान ने आज सर्किट हाउस पहुंचकर बतौर एसएसपी चार्ज संभाल लिया।
पौने दो साल से बरेली में तैनात थे
आईपीएस रोहित सिंह सजवान मूलरूप से टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड के रहने वाले हैं। एसपी सिटी बरेली के बाद महाराजगंज के एसपी, गोरखपुर और फिर एसएसपी बरेली बनाया था। अब उनको मेरठ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रोहित सिंह ने बताया कि मेरठ चुनौती वाला जिला है। भ्रष्टाचार पर सख्ती, कानून व्यवस्था कायम और बेहतर पुलिसिंग होगी। सोतीगंज और अन्य मामले में सख्ती रहेगी। रोहित सिंह ने राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में अपने प्रशिक्षण के दौरान कई पदक और सम्मान जीते हैं।
आज संभाला चार्ज
रोहित सिंह ने अपने कॅरिअर की शुरुआत मुंबई में वैज्ञानिक के रूप में की थी। वह 2013 बैच के आईपीएस हैं। उनके पिता राजेंद्र सिंह उत्तराखंड के टिहरी जिले में उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। तीन भाइयों में सबसे बड़े रोहित की स्कूली शिक्षा नैनीताल के सरस्वती विहार स्कूल में हुई थी।
उन्होंने 2009 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन शाखा से 2009 में बीटेक पूरा किया। इसके बाद उनका परमाणु ऊर्जा आयोग के अधीन भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में चयन हुआ। वह ग्रुप ए वैज्ञानिक रहे। इसके बाद वह पुलिस सेवा में आ गए। रोहित सजवान ने आज से मेरठ का चार्ज संभाल लिया।
प्रभाकर चौधरी ने सोतीगंज का कबाड़ किला ढहाया
आईपीएस प्रभाकर चौधरी मेरठ में एक साल नौ दिन एसएसपी रहे। अब उन्हें आगरा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने सोतीगंज का कबाड़ किला ढहाया व भ्रष्ट पुलिस कर्मियों पर शिकंजा कसा। इंस्पेक्टर सदर बाजार बिजेंद्र सिंह और एसओ महिला थाना मोनिका जिंदल समेत दस पुलिस वालों पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया। बेहतर पुलिसिंग कर अग्निपथ योजना का विरोध करने वालों को शांत रखा।
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के टिप्पणी को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के विरोध को देखते सुरक्षा मद्देनजर कड़ी चौकसी रखी। जिसके चलते कानून व्यवस्था कायम रही। प्रभाकर ने मेरठ के थानों में चल रहे भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए काफी काम किया है।
वह 18 जिलों में एसएसपी रह चुके हैं। जिसमें से मेरठ में सबसे लंबा कार्यकाल रहा। योगेश भदौड़ा समेत पांच अपराधियों को कोर्ट से सजा दिलाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। याकूब कुरैशी पर भी कानूनी शिकंजा इनके कार्यकाल में ही कसा।
राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने उठाए थे मेरठ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
एसएसपी प्रभाकर चौधरी के तबादले के पीछे हाल ही में हुए मंत्री के साथ प्रकरण को माना जा रहा है। जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने मेरठ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। गंगानगर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ मारपीट के मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर मंत्री थाने पहुंच गए थे। इंस्पेक्टर के रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार करने पर मामला बढ़ गया था।
डीएम ने पूरे मामले को सुलझाने के लिए बैठक बुलाई थी, लेकिन इस मामले में पीड़ित व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने सिपाही की तरफ से भी मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसको लेकर राज्यमंत्री ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए थे। उनकी प्रेस कांफ्रेंस के दूसरे दिन मेरठ आए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने न केवल दिनेश खटीक का हालचाल जाना था बल्कि वे उनके आवास भी गए थे।
इसके बाद उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और भाजपा के मेरठ प्रभारी विधायक पंकज सिंह भी मेरठ दौरे के दौरान दिनेश खटीक के आवास पर गए थे। मंत्री के रुख के बाद लग रहा था मेरठ पुलिस में बदलाव होगा। शनिवार को एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला आगरा के लिए किया गया है। इस तबादले के पीछे मंत्री के साथ हुए प्रकरण को देखा जा रहा है।
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