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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: सुई-दवाई ने युवाओं के कौशल को दी बूस्टर डोज, ऐसे मिली भविष्य की राह
Kajal Dubey
19 July 2022 5:54 PM GMT
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कोरोना महामारी जैसी आपदाओं में स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं की कमी न हो, इसके लिए शासन की ओर से कौशल विकास के तहत शुरू किए गए। छह-छह महीने के शॉर्ट टर्म कोर्स ने युवाओं के कौशल को बूस्टर डोज देने का काम किया है।
सुई, दवाई, आपरेशन थियेटर में उपकरणों के रखरखाव और रक्त समेत अन्य नूमनों के संग्रह के लिए निशुल्क प्रशिक्षण के माध्यम से युवा नौकरी के लिए तैयार किए जा रहे हैं। गोरखपुर के चार केंद्रों पर 432 युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनमें आधे से अधिक संख्या छात्राओं की है।
कौशल विकास के तहत दो वर्ष पहले अन्य कोर्स के अलावा जनरल ड्यूटी असिस्टेंट (जीडीए), सेंट्रल स्ट्राइल सर्विस डिपार्टमेंट (सीएसएसडी) और फैबलोटोमी कोर्स का संचालन शुरू हुआ। कोविड की वजह से पहले वर्ष बैच का संचालन नहीं हो पाया। लेकिन, शैक्षिक सत्र 2021-22 में इन कोर्स में प्रवेश लेने के लिए युवाओं ने उत्साह दिखाया।
प्रशिक्षण के अंतर्गत इन युवाओं को जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी पर ऑन जॉब ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ताकि, कोर्स खत्म होते ही युवाओं को नौकरी की तलाश में भटकना न पड़े। कई युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान ही प्राइवेट अस्पतालों से नौकरी का ऑफर भी आ रहा है। संवाद
इन तीन कोर्स का हो रहा संचालन
जनरल ड्यूटी असिस्टेंट : विज्ञान वर्ग से बारहवीं पास युवा को छह महीने के प्रशिक्षण के अंतर्गत सुई, दवाई देने, मरीजों की काउंसिलिंग करने, बीपी मापने सरीखे अन्य कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
सेंट्रल स्ट्राइल सर्विस डिपार्टमेंट : 12वीं पास युवा को छह महीने के प्रशिक्षण में आपरेशन थियेटर में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के रखरखाव की जानकारी दी जाती है।
फैबलोटॉमी: विज्ञान वर्ग से 12वीं पास युवा को छह महीने के प्रशिक्षण के तहत रक्त सहित अन्य नमूनों का संग्रह करने की विधि बताई जाती है।
इन केंद्रों पर प्रशिक्षण ले रहे युवा
भारतीय महिला शोध संस्थान कूड़ाघाट, भारतीय महिला शोध संस्थान गोरखनाथ, सुनैना समृद्धि फाउंडेशन पथरा बाजार, सुनैना समृद्धि फाउंडेशन पादरीबाजार में 108-108 यानी कुल 432 अभ्यर्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं।
कौशल विकास जिला समन्वयक सत्यकांत ने कहा कि कौशल विकास के तहत स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रारंभ किए गए शॉर्ट टर्म कोर्स की युवाओं में खूब मांग है। नए बैच के संचालन को लेकर अभी दिशा-निर्देश नहीं मिला है। मगर, कुल सीटों से अधिक युवाओं ने दाखिले के पंजीकरण कराया है।
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