उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की आयु सीमा तय की जाएगी

Kajal Dubey
8 July 2022 6:23 PM GMT
उत्तर-प्रदेश: अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की आयु सीमा तय की जाएगी
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अल्पसंख्यक कल्याण व पशुपालन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मदरसों में पढ़ने के लिए छात्रों की आयु सीमा तय की जाएगी। नूपुर शर्मा प्रकरण में प्रयागराज व कानपुर में हुए पथराव में मदरसा छात्रों के शामिल होने की सूचना के बाद सरकार यह कदम उठाने जा रही है। उन्होंने शुक्रवार को लोकभवन में मीडियाकर्मियों को अपने विभाग की 100 दिन की उपलब्धियां गिनाते हुए यह बात कही। मंत्री ने कहा कि प्रयागराज व कानपुर में हुए पथराव मामले की जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया यही सामने आ रहा है कि वे अबोध छात्र थे, लेकिन सरकार अब मदरसों में पढ़ने के लिए बच्चों की आयु सीमा तय करेगी।
मदरसों को आधुनिक बनाने की दिशा में बढ़ाए कदम
अल्पसंख्यक कल्याण व पशुपालन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उनके सभी विभागों ने सौ दिन का लक्ष्य पूरा कर लिया है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने 32.87 करोड़ रुपये खर्च कर 12 नवीन पेयजल परियोजनाओं को पूरा किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल आदि की 65.52 करोड़ की 15 नवीन परियोजनाओं के शिलान्यास की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। 24 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं में आधारभूत संरचना के विकास में 5.42 करोड़ खर्च किए गए हैं। मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए दृष्टिगत ई-लर्निंग एप विकसित किया। 100 दिन की उपलब्धियां गिनाने के दौरान प्रमुख सचिव हिमांशु कुमार, शशिभूषण लाल सुशील, कुणाल सिल्कू, निदेशक डॉ. इंद्रमणि, देवेंद्र पांडेय, निदेशक सी. इंदुमती आदि मौजूद थे।
50 हजार निराश्रित गोवंश को किया संरक्षित
धर्मपाल सिंह ने बताया कि दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण के लिए 125 समितियों का गठन तथा 150 का पुनर्गठन किया गया। इन सौ दिनों में लक्ष्य के अनुरूप निराश्रित 50 हजार गोवंश को संरक्षित किया गया। प्रत्येक विकास खंड में गो संरक्षण केंद्र खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई। एक करोड़ के सापेक्ष 1.31 करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया गया। होमगार्ड्स के 807 स्वयंसेवकों को नागरिक सुरक्षा विधाओं में एवं 703 सामान्य नागरिकों को आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम में प्रशिक्षित किया गया। स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनके आश्रितों को भी सभी सुविधाएं मुहैया कराई गईं।
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