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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: लाइनमैन की हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास
Kajal Dubey
17 July 2022 10:35 AM GMT

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मुजफ्फरनगर। खतौली के छछरपुर गांव में 19 साल पहले टेलीफोन की लाइन ठीक करने गए लाइनमैन मिंटू की हत्या के मामले में दोषी को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। गड्ढा खोदने के विवाद में हत्या की वारदात अंजाम दी गई थी। न्यायालय विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति जनजाति के पीठासीन अधिकारी जमेशद अली ने फैसला सुनाया।
विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह और सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सहदेव सिंह ने बताया कि खतौली क्षेत्र के गदनपुर गांव निवासी मिंटू बीएसएनएल की लाइन ठीक करता था। नौ अक्तूबर 2003 को छछरपुर गांव से कॉल आने के बाद सुबह 10 बजे वह टेलीफोन की लाइन ठीक करने चला गया था। लाइन ठीक करने के दौरान गांव के सतेंद्र पक्ष से झगड़ा हो गया था। मामला बढ़ने पर फावड़ा मारकर मिंटू की हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता ने सतेंद्र और अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी सतेंद्र के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। प्रकरण की सुनवाई न्यायालय विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति जनजाति के पीठासीन अधिकारी जमेशद अली ने की। धारा 302 में आरोपी को आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
मानसिक अस्पताल में हुआ आरोपी का उपचार
वारदात के बाद सतेंद्र का उपचार वाराणसी के मानसिक अस्पताल में भी कराया गया। इसी वजह से अदालत में लंबे समय तक सुनवाई नहीं हो सकी। मानसिक चिकित्सालय के निदेशक ने 24 मई को पत्र भेजकर जानकारी दी कि सतेंद्र मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है। इसके बाद दोबारा प्रकरण की सुनवाई हुई।
हाईकोर्ट चले गए तीन आरोपी
लाइनमैन मिंटू को छछरपुर के लेखराज ने कॉल कर बुलाया था। हत्या की वारदात के बाद पीड़ित पक्ष ने सतेंद्र के अलावा लेखराज, महेश और नीरज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने सतेंद्र के अलावा अन्य तीनों आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी। मगर, अदालत में गवाहों ने तीनों आरोपियों के नाम भी लिए, जिस कारण अभियोजन तीनों के खिलाफ भी प्रार्थना पत्र दिया। तीनों आरोपी हाईकोर्ट चले गए, जिस कारण उनकी पत्रावली अलग चल रही है।
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