उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: जानिए क्या थी मंशा, चंद्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए बनी थी खौफनाक स्क्रिप्ट, बाबा और वसी में मिलाया था हाथ

Kajal Dubey
17 July 2022 12:21 PM GMT
उत्तर-प्रदेश: जानिए क्या थी मंशा, चंद्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए बनी थी खौफनाक स्क्रिप्ट, बाबा और वसी में मिलाया था हाथ
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कानपुर नई सड़क बवाल की जांच के जुटी एक एसआईटी को एक चौंकाने वाली जानकारी मिली है। जांच में पता चला कि चंद्रेश्वर हाता कब्जाने को डेढ़ साल पहले बाबा और मुख्तार ने हाथ मिलाया था। इसके लिए एक साजिश की खौफनाक स्क्रिप्ट तैयार की गई थी। ऐसे में बवाल के दिन अगर भीड़ चंद्रेश्वर हाते में घुस जाती, तो बेकनगंज ही नहीं पूरा शहर सांप्रदायिक विवाद में सुलग उठता।
ये जानने के बाद भी इस प्रकरण से जुड़े लोगों को इसका खौफ नहीं था। पुलिस ने मामले में मुख्य साजिशकर्ताओं को जेल भेजने के बाद अब हिस्ट्रीशीटरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। तीन जून को नई सड़क पर हुए विवाद के मामले में पुलिस ने 34 लोगों को नामजद किया था, जिसमें से ज्यादातर डीटू गैंग के हिस्ट्रीशीटर शामिल थे। चंद्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए हाजी वसी, हाजी मुख्तार बाबा ने सवा साल पूर्व हाथ मिलाया था।
इसके लिए प्लानिंग भी कई सालों से चल रही थी। सूत्रों के अनुसार एनआरसी के वक्त भी इन लोगों ने चंद्रेश्वर हाता के लोगों को डराने के लिए प्लानिंग की थी। लेकिन उस मामले से मुस्लिम समुदाय पूरी तरह से बिख्ररा हुआ था। लेकिन नुपुर शर्मा की विवातिद टिप्पणी के बाद मुस्लिम समाज एक सुर में विरोध कर रहा था। इससे अच्छा मौका हाजी वसी और हाजी मुख्तार नहीं छोड़ना चाहते थे।
हयात को शामिल करने को हमजा ने कराई थी मीटिंग
सूत्रों के अनुसार जफर हयात को इस मामले में शामिल करने के लिए हमजा नाम के शख्स ने मीटिंग कराई थी, जबकि हाजी वसी और हाजी मुख्तार बाबा रिश्तेदारी में आते थे। इनके बीच व्यापारिक रिश्ते होने के साथ ही इनके बेटों की आपस में बातचीत होती थी।
तीन जून को बंदी का ऐलान करने के बाद कदम पीछने खींचने वाले जफर हयात को भी पता था कि इन लोगों के मंसूबे क्या हैं। लेकिन उसने पुलिस को खबर नहीं दी और ऐन वक्त पर जब भीड़ हाते की तरफ बढ़ी, तो जफर वहां से हट गया। लेकिन उसके कुछ साथी फोन के जरिये भीड़ को हाते पहुंचाने की कोशिश करते रहे।
हाते में कत्लेआम का था मंसूबा
सूत्रों बरगला कर और पैसा देकर लाये गये युवकों का काम सिर्फ हाते में घुसकर पत्थर चला कर निकल जाना था बाकी का काम हिस्ट्रीशीटरों के कंधों पर थे। वे ताबड़तोड़ बमबाजी, फायरिंग करने की प्लानिंग करके आए थे। उनका मकसद था कि कम से कम एक दर्जन से ज्यादा लोगों की जान ली जाए, ताकि दहशत का माहौल कायम हो।
अपने नापाक मंसूबों को कामयाब करने के लिए दिहाड़ी पर काम करने वालों समेत बाहर से आए युवकों को मोहम्मद साहब की बेअदबी के नाम पर बहकाया गया था। पुलिस मामले को भांप चुकी थी, इसलिए घटना वाले दिन पुलिस का पूरा फोकस यही था कि भीड़ हाते तक न पहुंचे। यही वजह रही कि हिस्ट्रीशीटर भीड़ के पीछे से फायरिंग करते और पुलिस सिर्फ मोर्चा संभाले रही।
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