उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: साझेदार की अवैध इमारत का केडीए करवा रहा सर्वे, वसी की तीन अवैध इमारतों पर चल सकता है बुलडोजर

Kajal Dubey
15 July 2022 3:30 PM GMT
उत्तर-प्रदेश: साझेदार की अवैध इमारत का केडीए करवा रहा सर्वे, वसी की तीन अवैध इमारतों पर चल सकता है बुलडोजर
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कानपुर नई सड़क बवाल के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी को फंडिंग करने के आरोपी बिल्डर हाजी वसी की चमनगंज क्षेत्र में अवैध रूप से बन रही तीन इमारतों पर अगले महीने 10 तारीख के बाद बुलडोजर चल सकता है। सुप्रीम कोर्ट में 10 अगस्त को सुनवाई के मद्देनजर केडीए फूंक फूंककर कदम रख रहा है। तब तक स्वत: ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद स्वत: तोड़ने के लिए दी गई समयावधि भी खत्म हो जाएगी।
केडीए ने बिल्डर हाजी वसी के चमनगंज, प्रेम नगर, बेकनगंज, अनवरगंज और जाजमऊ क्षेत्र में बने सात अवैध निर्माणों का ब्योरा जुटाया है। इनमें से चमनगंज क्षेत्र में निर्माणाधीन तीन अवैध निर्माणों को पहले गिराया जाना है। केडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद भी सुनवाई के लिए एक माह का वक्त दिया जाता है, ताकि यदि अवैध निर्माणकर्ता कमिश्नर कोर्ट या किसी न्यायालय में विकास प्राधिकरण के आदेश के खिलाफ अपील करना चाहे तो कर सकता है।
ऐसे होने पर सुनवाई होगी, वरना नियमानुसार अवैध निर्माण ध्वस्त किया जा सकता है। उधर, प्राधिकरण सूत्रों के अनुसार कानपुर और प्रयागराज में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलने के खिलाफ पिछले माह एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में प्रदेश सरकार जवाब दाखिल कर चुकी है। जवाब में कार्रवाई को नियमानुसार बताया गया। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 अगस्त मुकर्रर की गई है।
साझेदार की अवैध इमारत का भी हो रहा सर्वे
बिल्डर हाजी वसी के साझेदार अब्दुल रहमान की जाजमऊ में अवैध रूप से बनी पांच मंजिला इमारत में गुरुवार को दो गांवों की सीमा का पेंच फंस गया। गुरुवार रात तक मशक्कत करने के बाद भी केडीए के अफसर यह नहीं तय कर पाए कि यह इमारत गज्जूपुरवा की जमीन पर है या चंदारी गांव में स्थित है। शुक्रवार को तहसील की टीम भी टीएस सर्वे का अध्ययन करेगी, इसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी।
केडीए ने 13 जुलाई को जाजमऊ स्थित बिल्डर हाजी वसी के साझेदार अब्दुल रहमान की अवैध रूप से बनी पांच मंजिला इमारत का टीएस सर्वे किया था। गुरुवार को केडीए में जोन - 1 के तहसीलदार अजीत सिंह, अमीन और टीएस (टोटल स्टेशन) सर्वे के विशेषज्ञ इसका अध्ययन करते रहे। अध्ययन में पता चला कि जिस जमीन पर यह इमारत बनी है, वहां गज्जूपुरवा और चंदारी के बार्डर पड़ रहा है।
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