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उत्तर प्रदेश
लिस्ट में चौथे नंबर पर है उत्तर प्रदेश, कौन से राज्य हैं स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल में सबसे पीछे
Admin4
8 Jun 2022 2:16 PM GMT

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लिस्ट में चौथे नंबर पर है उत्तर प्रदेश, कौन से राज्य हैं स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल में सबसे पीछे
नई दिल्ली, 08: मई 2016 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के लिए उज्जवला योजना शुरू की शुरूआत की थी। लेकिन समय के साथ-साथ इस योजना का लाभ उठाने वाले लाभार्थी सिलेंडर नहीं भरवा रहे थे। क्योंकि सिलेंडर की कीमते आसमान छूने लगी थी। बढ़ती महंगाई और सिलेंड की कम खपत को देखते हुए केंद्र सरकार ने 21 मई को उज्जवला योजना के लाभार्थियों को रसोई गैस सिलेंडर पर 200 रुपए की सब्सिडी देने का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद से बंद पड़े उज्जवला योजना के सिलेंडरों की बुकिंग में हल्की से तेजी आई है।
वर्तमान में घरेलू गैस सिलेंडर का मूल्य 1010 रुपए ही है। इस सबके बावजूद भी स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल में उत्तर प्रदेश पिछड़कर चौथे नंबर पर पहुंच गया है। हालांकि, पश्चिम बंगाल पहले नंबर पर है, जहां केवल 40.2 घरों में स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल होता है। वहीं, दूसरे नंबर पर राजस्थान है यहां 41.4 प्रतिशत स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल होता है। शेष घरों में सूखी लकड़ी और उपलों पर खाना पकाया जाता है। इससे धुंआ पैदा होने से महिलाओं को सांस की कई बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।
वहीं, स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल करने में महाराष्ट्र का स्थान पहले नंबर पर है। महाराष्ट्र में 79.7 प्रतिशत स्वच्छ ईँधन का उपयोग होता है। महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक में 79.7, सिक्किम में 78.4, पंजाब में 76.7, केरल में 72.1 और मणिपुर में 70.4 प्रतिशत स्वच्छ ईँधन का उपयोग होता है। जबकि, पश्चिम बंगाल में 40.2, राजस्थान में 41.4, असम में 42.1, उत्तर प्रदेश में 49.5, हिमाचल प्रदेश में 51.7, उत्तराखंड में 59.2 और हरियाणा में 59.5 प्रतिशत स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल होता है।
स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल हो, इसलिए शुरू हुई उज्जवला योजना
2016 से पहले अधिकांश घरों में सूखी लकड़ी और उपलों पर खाना पकाया जाता था। इससे धुंआ पैदा होता था, जिससे महिलाओं को सांस की कई बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2016 में उज्जवला योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत रसोई गैस सिलेंड गरीब परिवारों को फ्री में मिले थे। सरकार का मार्च 2020 तक आठ करोड़ का लक्ष्य था जो सितंबर 2019 में ही पूरा हो गया था। एक करोड़ अतिरिक्त कनेक्शन देने के लिए 10 अगस्त 2021 से उज्ज्वला योजना 2.0 की शुरुआत की गई थी।
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