उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: साझेदार की अवैध मल्टीस्टोरी की जांच भी शुरू, अचानक ढहेगी वसी की अवैध इमारतें

Kajal Dubey
13 July 2022 12:35 PM GMT
उत्तर-प्रदेश: साझेदार की अवैध मल्टीस्टोरी की जांच भी शुरू, अचानक ढहेगी वसी की अवैध इमारतें
x
पढ़े पूरी खबर
कानपुर विकास प्राधिकरण के साथ जिला प्रशासन और पुलिस ने गुपचुप तरीके से बिल्डर हाजी वसी की अवैध रूप से बनीं बहुमंजिली इमारतें ध्वस्त करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। किसी भी दिन अचानक ऐसे अवैध निर्माणों पर हथौड़े, बुलडोजर चल सकता है। केडीए ने बिल्डर हाजी वसी की चमनगंज, बेकनगंज, अनवरगंज थाना क्षेत्रों में अवैध रूप से बनीं पांच निर्माणाधीन इमारतों और जाजमऊ में दो अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की तैयारियां तेज कर दी हैं।
परेड में 3 जून को हुए बवाल के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हयात जफर हाशमी के करीबी की स्वरूप नगर केडीए सचिव कार्यालय के सामने अवैध इमारत पर बुलडोजर चलाने और उसी दिन अवैध रूप से निर्माणाधीन पेट्रोल पंप तोड़ने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था, जिसमें जवाब दाखिल हो चुका है। इसके मद्देनजर केडीए भी फूंक - फूंककर कदम रख रहा है। इसीलिए बिल्डर हाजी वसी के अवैध निर्माणों सहित अन्य के अवैध निर्माणों को नोटिस देने के बाद सील किया गया।
हाजी वसी ने केडीए के ही कुछ अफसरों, कर्मियों की मिलीभगत से जिन सात निर्माणों की सील तोड़कर पुन: निर्माण शुरू कराया था वहां पुन: निर्माण रुकवाने के साथ ही संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अब इनके ध्वस्तीकरण की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि जहां ये निर्माण हैं, वह संवेदनशील क्षेत्र हैं। इसलिए कानपुर विकास प्राधिकरण जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगा।
वसी के साझेदार की संपत्ति का टीएस सर्वे
परेड बवाल के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी को फंडिंग करने के आरोपी बिल्डर हाजी वसी के साझेदार अब्दुल रहमान की जाजमऊ में अवैध रूप से बनी मल्टीस्टोरी की मंगलवार को जांच शुरू हुई। जिला प्रशासन और केडीए की संयुक्त टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल शुरू की। यह स्पष्ट हो गया कि यह छह मंजिला अवैध निर्माण उस आराजी में नहीं हुआ है, जिसका बैनामा बिल्डर ने कराया था। यह अवैध निर्माण केडीए या किसी और निजी जमीन पर हो सकता है। इसकी सटीक जानकारी के लिए 13 जुलाई को टीएस सर्वे कराया जाएगा।
शिकायतकर्ता ने अब्दुल रहमान को वसी का साझेदार बताया
जिलाधिकारी विशाख जी से शिकायत की गई थी कि बिल्डर अब्दुल रहमान ने जाजमऊ में केडीए की गंगा विहार योजना के पास मुख्य मार्ग के किनारे अवैध रूप से छह मंजिला इमारत बनाई है। निर्माण गत वर्ष हुआ था। इसके ग्राउंड फ्लोर पर डिपार्टमेंटल स्टोर बनाकर व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले से पांचवें फ्लोर तक प्रत्येक मंजिल में चार-चार फ्लैट बने हैं। शिकायतकर्ता ने अब्दुल रहमान को बिल्डर हाजी वसी का साझेदार बताया।
दावा किया गया कि जिस जमीन पर केडीए की मिलीभगत से यह अवैध निर्माण हुआ है, वह जमीन अब्दुल रहमान के नाम नहीं है। अब्दुल रहमान ने जाजमऊ की आराजी संख्या - 1055 में जमीन खरीदी थी, उक्त आराजी में निर्माण कराने के बजाय केडीए की दूसरी आराजी की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर मल्टीस्टोरी बना दी। उसके फ्लैट भी बेच दिए। इसी बीच बिल्डर की तरफ से केडीए में इस अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए शमन मानचित्र दाखिल किया, लेकिन उसमें लगे स्वामित्व संबंधी अभिलेखों ने भी संदेह बढ़ाया।
जिलाधिकारी ने की जांच कमेटी गठित
डीएम ने इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की। इस टीम में शामिल तहसीलदार (सदर) बृजेश सिंह, केडीए जोन-1 के तहसीलदार अजीत सिंह, अमीन सोहन, रामलाल, लेखपाल शरद, सनद, केडीए के अवर अभियंता जेएन पांडेय, अवर अभियंता पीके वर्मा आदि ने दोपहर में मौके पर पहुंचकर जांच की। जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि छह मंजिला बिल्डिंग है। ऊपर की सभी मंजिलों में चार-चार फ्लैट बने हैं, उनमें लोग रह रहे हैं।
आराजी 1077 या 1078 में हो सकती है मल्टीस्टोरी
जांच में यह स्पष्ट हो गया कि यह मल्टीस्टोरी आराजी संख्या - 1055 में नहीं बनी है बल्कि आराजी संख्या 1077 या 1078 में होने के संकेत मिले हैं। आराजी संख्या - 1077 केडीए की जमीन है, जबकि 1078 निजी जमीन है।
सटीक जानकारी देता है टीएस सर्वे
टीएस सर्वे जमीन की पैमाइश का इलेक्ट्रानिक माध्यम है। इस इलेक्ट्रानिक तरीके से जमीन की सटीक जानकारी मिलती है।
Next Story