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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: गोरखपुर में खुली हिस्ट्रीशीट, कोई जेल में तो कोई थाने में दे रहा हाजिरी, जाने पूरा वारदात
Kajal Dubey
23 Jun 2022 10:52 AM GMT
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पढ़े पूरी वारदात
करोड़ों की जालसाजी का आरोपी भू-माफिया ओमप्रकाश पांडेय हो या हत्या कर लूट का आरोपी मनोज साहनी उर्फ टमाटर, सबकी हिस्ट्रीशीट खोल दी गई है। पुलिस की मंशा है कि हिस्ट्रीशीटर जेल में ही रहें। जेल से बाहर आने पर फिर अपराध करेंगे। इसी वजह से पुलिस ने बदमाशों की गर्दन दबोच कर उन्हें जेल के सलाखों के पीछे धकेल दिया। अब नियमित निगरानी की जा रही है। जमानत के हर मामले में प्रभावी पैरवी की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद जमानत की राह कठिन हो जाती है।
जानकारी के मुताबिक, छह महीनेे के भीतर सक्रिय 22 पेशेवर बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोलकर निगरानी शुरू कर दी। कोर्ट से जमानत पाकर हिस्ट्रीशीटर बाहर न आने पाएं, इसके लिए पुलिस साक्ष्यों के साथ पैरवी भी कर रही है। यह कार्रवाई एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा के आदेश पर की जा रही है। इस साल नए 18 गैंग को पंजीकृत किए गए हैं। इसमें 51 बदमाशों को शामिल गया।
283 बदमाशों पर पुलिस ने गुंडा एक्ट के तहत भी कार्रवाई की है। ज्यादातर बदमाश जेल के अंदर हैं। जो बदमाश जमानत पाकर बाहर आए, उनकी निगरानी के लिए हर रविवार को दुराचारी सभा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें हिस्ट्रीशीटरों को बुलाया जा रहा है। थाने पर आकर पुराने हिस्ट्रीशीटर हाजिरी देते हैं। पुलिस चेताती है कि अगर कोर्ट की तारीख पर नहीं गए तो जमानत निरस्त करा दी जाएगी। पुलिस इन्हीं पेशवरों की मदद से वर्तमान में अपराध में संलिप्त बदमाशों का नाम हासिल कर कार्रवाई कर रही है।
इनकी खोली गई हिस्ट्रीशीट
कैंट के मोहद्दीपुर चारफाटक निवासी ओमप्रकाश पांडेय, चिलुआताल के तरहवा निवासी मनोज चौहान, मानबेला निवासी विक्की भारती, गुलरिहा के कोइलबिया निवासी आशीष निषाद, उरुवा बाजार के साहुआपार निवासी अमन दुबे, सई बुजुर्ग निवासी सुभाष यादव, गोला के नारायणपुर खुर्द निवासी सौरभ त्रिपाठी, शाहपुर के मेसी कंपाउंड निवासी सरफराज, बेलघाट के सिधवाना निवासी अजीत मिश्रा उर्फ सोनू, खोराबार के फटकहवा निवासी राहुल कुमार विश्वकर्मा, चिलुआताल के ताजडीह निवासी लल्लू दुबे उर्फ सूर्या, मोहरीपुर निवासी आकाश गुप्ता, रामपुर चक निवासी गौरव यादव, गगहा के मेहदिया निवासी विशाल उर्फ कल्लू समेत 22 की हिस्ट्रीशीट खोली गई है।
130 सक्रिय हिस्ट्रीशीटर जेल भेजे गए
जिले में कुल 1505 हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें से 135 निष्क्रिय हैं। कुछ उम्र के उस पड़ाव पर हैं कि वे अपराध नहीं कर सकते तो कइयों ने अपराध से तौबा कर ली है। पुलिस के मुताबिक 1370 हिस्ट्रीशीटर अब भी सक्रिय हैं, इनमें से 130 को पुलिस जेल भेज चुकी है।
एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने कहा कि गंभीर अपराध करने के अभियुक्त और पेशेवर बदमाशों की पुलिस ने हिस्ट्रशीट खोली है। इसके अलावा गैंगस्टर के तहत कार्रवाई कर उनकी संपत्ति को भी पुलिस ने जब्त कराया है। अपराध में लिप्त हिस्ट्रीशीटरों को जेल भेजने की कार्रवाई जारी है, जमानत पर बाहर आकर अपराध करने वालों के साथ ही जमानतदारों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है।
चौरीचौरा में सर्वाधिक 102 हिस्ट्रीशीटर
गोरखपुर जिले के पुराने रिकॉर्ड में चौरीचौरा थाने में सर्वाधिक 102 हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें से 12 निष्क्रिय हैं। कोतवाली थाने में 46, राजघाट में 49, तिवारीपुर में 47, कैंट में 28, खोराबार में 58, रामगढ़ताल में 20, गोरखनाथ में 62, शाहपुर में 47, कैंपियरगंज में 53, पीपीगंज में 62, सहजनवां में 38, गीडा में 47, चिलुआताल में 63, झंगहा में 82, पिपराइच में 81, गुलरिहा में 46, बांसगांव में 73, गगहा में 79, बेलीपार में 51, गोला में 51, बड़हलगंज में 88, उरुवा बाजार में 40, बेलघाट में 28, खजनी में 75, सिकरीगंज में 48 और हरपुर बुदहट में 39 हिस्ट्रीशीटर हैं।
ये होते हैं हिस्ट्रीशीटर
बदमाश के आपराधिक इतिहास की फाइल को ही हिस्ट्रीशीट कहते हैं। अपराध की गंभीरता को देखते हुए बदमाशों की निगरानी के लिए हिस्ट्रीशीट खोली जाती है। बदमाश लगातार अपराध कर रहा हो तो निगरानी के लिए यह व्यवस्था होती है। बदमाश को पहले एक्टिव लिस्ट पर लाया जाता है, फिर उसकी निगरानी हिस्ट्रीशीट के माध्यम से होती है। इसके लिए थाने पर फ्लाई सीट रजिस्टर होता है। इसमें हिस्ट्रीशीटरों की इंट्री होती है। हर हिस्ट्रीशीटर की निगरानी के लिए एक-एक सिपाही की ड्यूटी लगती है। नियमों के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर को सप्ताह में एक बार थाने या चौकी पर आकर हाजिरी भी देनी होती है। अपराध की गंभीरता के हिसाब से हिस्ट्रीशीट खोली जाती है। मसलन, लूट, हत्या या डकैती जैसे जघन्य अपराध में दो ही केस पर हिस्ट्रीशीट खोली जा सकती है।
केस एक
झारखंड, बिहार सहित गैर प्रांत के कई लोगों से करोड़ों रुपये की जालसाजी करने के आरोपी भू-माफिया ओमप्रकाश पांडेय का घर पुलिस ने जब्त किया था। उसके खिलाफ 26 मुकदमे दर्ज हैं। इस बीच ओमप्रकाश ने जमानत के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन अर्जी खारिज हो गई। पुलिस ने न्यायालय में पर्याप्त साक्ष्य दाखिल किए हैं। गत 13 मई को उसकी हिस्ट्रीशीट खोल दी गई। हिस्ट्रीशीट नंबर 15-ए है।
केस दो
दिसंबर 2021 में चिलुआताल के सिक्टौर के पास नौतनवां के सरोजनी नगर निवासी प्रशांत जायसवाल को गोली मारकर लाखों की लूट की गई थी। इसके बाद ही 9 जनवरी को रुस्तमपुर में सरिया कारोबारी मनीष तुलस्यान से 32 लाख की लूट भी हुई थी। इन दोनों घटनाओं में चिलुआताल के मनोज साहनी और उसके साथियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। 12 अप्रैल को मनोज साहनी की हिस्ट्रीशीट खोल दी गई। हिस्ट्रीशीट नंबर 15-ए है।
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