उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: सिराथू से सपा विधायक के खिलाफ एसडीएम द्वारा जारी नोटिस को हाईकोर्ट ने किया रद्द, पल्लवी पटेल को राहत

Kajal Dubey
16 July 2022 5:52 PM GMT
उत्तर-प्रदेश: सिराथू से सपा विधायक के खिलाफ एसडीएम द्वारा जारी नोटिस को हाईकोर्ट ने किया रद्द, पल्लवी पटेल को राहत
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कौशांबी के सिराथू विधानसभा सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मुख्य प्रतिद्वंदी और विधायक पल्लवी पटेल के खिलाफ एसडीएम सिराथू द्वारा जारी नोटिस को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने याची विधायक के खिलाफ लगे आरोपों की जांच डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारी से कराने को कहा है।
विधायक पल्लवी पटेल पर आरोप है कि उन्होंने अपने नामांकन फार्म में अपने खिलाफ दाखिल आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाई। पूरी जानकारी आयोग को नहीं बताई। मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी। आयोग ने एसडीएम सिराथू के माध्यम से नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। मामले की सुनवाई जस्टिस सुनीता अग्रवाल तथा जस्टिस विक्त्रस्म डी चौहान की खंडपीठ कर रही थी।
विधायक ने एसडीएम की ओर से जारी नोटिस को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मामले में कोर्ट ने याची के खिलाफ दिलीप पटेल व अन्य द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से की गई शिकायत और उस पर आयोग जिला अधिकारीए व एसडीएम द्वारा की गई कार्रवाई को गलत माना है। कोर्ट ने यह भी कहा है जांच अधिकारी जांच से पहले शिकायतकर्ता की शिकायत के सत्यता की भी जांच करेंगे। याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल शर्मा व सरोज कुमार यादव तथा चुनाव आयोग की तरफ से अधिवक्ता राकेश पांडेय ने बहस की थी।
मालूम हो कि इसके पहले कोर्ट ने विपक्षी अधिवक्ताओं से पूछा था कि चुने गए जनप्रतिनिधि को कैसे नोटिस जारी कर दी गई और वह भी उप जिला मजिस्ट्रेट के जरिए? सिराथू की विधायक पल्लवी पटेल के निर्वाचन को लेकर हुई शिकायत के मामले में जारी नोटिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर तीखी नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि एक चुने गए प्रतिनिधि के खिलाफ कैसे नोटिस जारी कर दी?
वह भी एक उप जिला मजिस्ट्रेट के जरिए। आयोग ने खुद क्यों जांच नहीं की। वह उप जिला मजिस्ट्रेट से क्यों जांच करा रहा है? क्या आयोग का इरादा जनप्रतिनिधि का उत्पीड़न किए जाने का है? कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता से पूछा था कि आयोग एक संवैधानिक संस्था है, उसके पास चुनाव से जुड़े मामले की जांच करने के लिए खुद ही शक्ति है। वह कैसे उप जिला मजिस्ट्रेट को यह काम सौंप सकता है।
आयोग की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि याची के खिलाफ आयोग के समक्ष यह शिकायत आई कि उन्होंने अपने नामांकन के दौरान हलफनामे में आपराधिक मामले की जानकारी छुपाई है। आयोग ने उस शिकायत का संज्ञान लेते हुए उप जिलामजिस्ट्रेट को जांच के आदेश दिए। उपजिला मजिस्ट्रेट ने याची से उनका पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी की है। इस पर कोर्ट ने तीखी नाराजगी जताई थी।
उधर, विधायक पल्लवी पटेल की ओर से तर्क दिया गया था कि याची के खिलाफ शिकायत एक सियासी साजिस के तहत की गई है। याची 2022 के विधानसभा चुनाव में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को हराकर चुनाव जीती है। इस वजह से उसके खिलाफ इस तरह की शिकायत कर उत्पीड़न किया जा रहा है।
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