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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: हाईकोर्ट ने पूछा- किस नियम के तहत खत्म की नेता प्रतिपक्ष की मान्यता, एमएलसी की याचिका पर सुनवाई अब 20 को
Kajal Dubey
18 July 2022 6:28 PM GMT

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने विधान परिषद के सभापति व प्रमुख सचिव से पूछा है कि किस नियम के तहत विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद की मान्यता समाप्त की गई? न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने सोमवार को यह सवाल सपा एमएलसी व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहे लाल बिहारी यादव की याचिका पर किए।
यादव का कहना है कि कानूनी तौर पर उन्हें इस पद से नहीं हटाया जा सकता। लेकिन परिषद में सपा के सदस्यों की संख्या 10 से कम होने का हवाला देकर नेता विरोधी दल की मान्यता समाप्त कर दी थी। याची का कहना है कि वह 2020 से विधान परिषद के निर्वाचित सदस्य हैं और उन्हें इस वर्ष 27 मई को सदन में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता दी गई थी।
याची ने विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता वापस लेने वाली अधिसूचना को रद्द किए जाने या उस पर रोक लगाए जाने का आग्रह किया है। बीती सात जुलाई को विधान परिषद के प्रमुख सचिव कार्यालय ने यादव की मान्यता रद्द करने के संबंध में अधिसूचना जारी की थी। मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को नियत की गई है। याचिका में विधान परिषद के सभापति व प्रमुख सचिव को पक्षकार बनाया गया है और उन्हीं से कोर्ट ने जवाब मांगा है।
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