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उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा
Deepa Sahu
4 April 2023 8:38 AM GMT
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दो लाख छात्राओं को छह दिवसीय कार्यक्रम में आत्मरक्षा के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 45,000 से अधिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लगभग दो लाख छात्राओं को छह दिवसीय कार्यक्रम में आत्मरक्षा के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा.
इसका उद्देश्य लड़कियों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना है। राज्य सरकार 'स्कूल चलो अभियान' के साथ शुरू किए गए मिशन शक्ति के तहत रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देगी।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, विभिन्न समूह चर्चाओं के माध्यम से लड़कियों को साइबरबुलिंग और एसिड अटैक जैसी चीजों से भी अवगत कराया जाएगा। खेलों के माध्यम से उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति शारीरिक रूप से जागरूक भी किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित परिषद एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नामांकित छात्राओं को मानसिक एवं शारीरिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार भारत सरकार के सहयोग से अभियान चलायेगी.
योजना के तहत 11 से 14 वर्ष की बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। छात्राओं को किसी भी अप्रत्याशित घटना के खिलाफ मानसिक रूप से संतुलित और सशक्त बनाने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
विद्यालयों में पदस्थापित प्रशिक्षकों द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में एक घंटे का सत्र संचालित किया जायेगा। सत्र में आत्मरक्षा के साथ-साथ व्यायाम, योग व स्वच्छता से संबंधित प्रशिक्षण को शामिल किया गया है। प्रारंभ में जिला स्तर पर प्रशिक्षकों/शिक्षकों के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
इस मॉड्यूल के तहत 1200 शारीरिक शिक्षकों को 50-50 के बैच में विशेष साप्ताहिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी अवधि प्रतिदिन (सोमवार-शनिवार) 6-8 घंटे की होगी। प्राथमिक कवरेज के तहत, सभी 75 जिलों में संचालित 45,000 सरकारी स्कूलों में कक्षा 6, 7 और 8 (11-14 वर्ष की आयु) की छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के बाद उन्हें मूल्यांकन व प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के आवासीय विद्यालयों को भी शामिल किया जाएगा।
प्रशिक्षण माड्यूल के अनुसार 50 प्रशिक्षणार्थियों पर एक प्रशिक्षक एवं एक सहायक की नियुक्ति की जायेगी। परियोजना के लिए महिला एवं बाल सुरक्षा विंग 1090 को सलाहकार एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षक एवं प्रशिक्षक विद्यालयों में जाकर मॉड्यूल में दर्ज इन सभी गतिविधियों के माध्यम से छात्राओं को प्रशिक्षित करेंगे।
--आईएएनएस
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