- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- उत्तर प्रदेश : पद तो...
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश : पद तो मिला लेकिन वेतन वृद्धि नहीं, जाने पूरा मामला
Admin2
9 July 2022 10:12 AM GMT

x
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : सरकारी व एडेड महाविद्यालयों में प्रोफेसर का पद तो मिला लेकिन वेतन वृद्धि नहीं। यूजीसी के नियमों के अनुसार एसोसिएट प्रोफेसरों को प्रोफेसर तो बनाया जा रहा है लेकिन वेतनवृद्धि में उन्हीं नियमों की अनदेखी की जा रही है। अब तक लगभग 500 एसोसिएट प्रोफेसरों प्रोन्नति दी जा चुकी है। यूपी में लगभग 4800 सहायक प्रोफेसर प्रोन्नति के मानकों को पूरा करते हैं।
नवम्बर, 2021 में जारी शासनादेश के बाद यह प्रोन्नतियां दी जा रही हैं। अभी तक राजकीय महाविद्यालयों में प्रोन्नति के बाद वेतनवृद्धि दी जा रही थी लेकिन बाद में विवाद होने के कारण इसे रोक दिया गया क्योंकि शासनादेश में वेतनवृद्धि का जिक्र नहीं है। वहीं शिक्षकों ने इस पर भी विरोध जताया है कि प्रोफेसर के लिए पात्र पहले ही हो गए थे लेकिन उनकी प्रोन्नति नवम्बर, 2021 से मानी जा रही है जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। कई ऐसे प्रोफेसर बन रहे हैं जिन्होंने मानकों को 10 साल पहले ही पूरा कर लिया था।अभी तक प्रोफेसर पदनाम केवल विश्वविद्यालयों में दिया जाता था। कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर ही आखिरी पद होता था और केवल प्राचार्यों को ही प्रोफेसर पदनाम दिया जाता था। लेकिन यूजीसी की कॅरियर एडवांसमेंट योजना के तहत एसोसिएट प्रोफेसरों (एकेडमिक लेवल 13 ए) को प्रोफेसर पद(एकेडमिक लेवल 14) पर प्रोन्नति दी जा रही है। लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) के अध्यक्ष डा मनोज पाण्डेय का कहना है कि सरकार शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है। उन्हें अर्ह तिथि से प्रोन्नति नहीं दे रही, न ही वेतनवृद्धि दे रही है।
source-hindustan
Next Story