उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: तीन अगस्त को होगी प्रवेश परीक्षा, एडमिशन करवाने पर मिलेगी UG और PG की डिग्री

Kajal Dubey
24 July 2022 12:47 PM GMT
उत्तर-प्रदेश: तीन अगस्त को होगी प्रवेश परीक्षा, एडमिशन करवाने पर मिलेगी UG और PG की डिग्री
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प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के फूड टेक्नोलॉजी विभाग में शैक्षिक सत्र 2022-23 से नया इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम शुरू होगा। इसके लिए आवेदन भी लिया जा चुका है। इस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा तीन अगस्त को होगी। खास बात यह है कि नई शिक्षा नीति के तहत फाइव इयर इंटीग्रेटेड यूजी-पीजी फूड टेक्नोलॉजी के नाम से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसमें 50 सीटों के सापेक्ष प्रवेश होगा। विभाग की प्रो.नीलम यादव ने बताया कि पाठ्यक्रम में मल्टीपल एक्जिट की सुविधा है, लेकिन मल्टीपल इंट्री की सुविधा नहीं है। इसलिए एक दाखिले में छात्रों को यूजी से लेकर पीजी तक की डिग्री मिलेगी।
प्रो. यादव ने बताया कि पहले साल में सर्टिफिकेट इन फूड टेक्नोलॉजी, दूसरे साल में डिप्लोमा इन फूड टेक्नोलॉजी, तृतीय साल में बीएससी इन फूड टेक्नोलॉजी, चौथे साल में बीएससी ऑनर्स इन विद रिसर्च फूड टेक्नोलॉजी, पांचवें साल में एमएससी इन फूड टेक्नोलॉजी की डिग्री विद्यार्थियों को मिलेगी।
जल साक्षरता की पढ़ाई कर सकेंगे छात्र और छात्राएं
चौधरी महादेव प्रसाद (सीएमपी) डिग्री कॉलेज में अब जल साक्षरता की पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए कॉलेज ने पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। यह तीन माह का पाठ्यक्रम होगा। इसके अंतर्गत छात्राओं को सर्टिफिकेट प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। इसमें कॉलेज के किसी भी विभाग का कोई भी विद्यार्थी नि:शुल्क प्रवेश ले सकेगा।
तीन माह के प्रमाणपत्र कार्यक्रम में यूजी, पीजी और रिसर्च के विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। इसमें थ्योरी कक्षाओं के साथ फील्ड वर्क और प्रैक्टिकल कराया जाएगा। इस दौरान एक बैच द्वारा एक तालाब को दुरुस्त किया जाएगा और झील को कचरा मुक्त किया जाएगा। इसके तहत कॉलेज को जल मॉडल के रूप में तैयार किया जाएगा और वर्ष जल संचयन के बेहतर प्रबंध किए जाएंगे। विद्यार्थियों को जल प्रदूषण के तहत अशुद्धता के मानक, पहचान के तरीके और उनकी व्यावहारिक जानकारी भी दी जाएगी। प्राचार्य प्रो. अजय प्रकाश खरे के निर्देश पर रसायन विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रमोद शर्मा ने यह पाठ्यक्रम तैयार किया है और इसमें विभाग की संयोजिका डॉ. बबिता अग्रवाल की भी प्रमुख भूमिका रही।
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