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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: झुलसे साधु को उपचार न मिलने पर उपमुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज से मांगी रिपोर्ट, कार्रवाई के निर्देश दिए
Kajal Dubey
29 Jun 2022 2:02 PM GMT

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एटा में आग से झुलसे साधु को उपचार नहीं मिलने और नाली में लेटने के मामले की गूंज सरकार तक पहुंच गई है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडलर से ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा कि एटा में झुलसे साधु को इलाज न मिलने की खबर का संज्ञान लेते हुए मैंने मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को निर्देश दिए हैं कि जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करें। साथ ही की गई कार्रवाई की रिपोर्ट बुधवार शाम तक उपलब्ध कराएं।
इस मामले में संबंधित चिकित्सकों से जवाब तलब किया गया है। चिकित्सकों को दो दिनों के अंदर अपना पक्ष मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को सौंपना होगा। उधर, चिकित्सक अब झुलसे साधु को मानसिक रूप से पीड़ित बता रहे हैं। उसके पहले दिन ही अस्पताल से भागने और पुलिस को सूचना दिए जाने की बात कह रहे हैं।
नाली में लेटा हुआ मिला था साधु
आग से झुलसा साधु रामजी लाल निवासी गौशुलपुरा सोमवार को मेडिकल कॉलेज की नाली में लेटा हुआ मिला था। उसका आरोप था कि चिकित्सकों ने इलाज नहीं किया। वार्ड से भगा दिया। जलन बहुत ज्यादा हो रही थी, जिसके चलते नाली के पानी में लेट गया। प्राचार्य डॉ. नवनीत सिंह ने मंगलवार को सर्जिकल इकाई के एचओडी और सर्जन से जवाब तलब किया है। 30 जून तक रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद कार्रवाई करने की बात कही है।
साधु को बताया मानसिक रूप से कमजोर
चिकित्सकों ने प्राचार्य को मौखिक रूप से बताया कि मरीज मानसिक रूप से कमजोर है। कई बार भागने का प्रयास किया था। पहले दिन भाग भी गया था। इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया गया तो मिल गया। फिर से भर्ती करके उपचार शुरू किया गया। वहीं सोमवार की घटना के बाद उसे फिर वार्ड में भर्ती कर लिया गया। मंगलवार को उसका उपचार किया जा रहा था।
प्राचार्य ने बताया कि झुलसे साधु के भागने के मामले में संबंधित इकाई में कार्यरत चिकित्सकों से लिखित में 30 जून तक जवाब मांगा है। हर पहलू पर जांच की जा रही है। यदि लापरवाही हुई है तो कार्रवाई भी की जाएगी।
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