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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: दीनदयाल अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे सीएमओ, मरीज मौजूद लेकिन चिकित्सक गैरहाजिर
Kajal Dubey
29 Jun 2022 3:11 PM GMT

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सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में चिकित्सकों की लेटलतीफी की समस्या दूर नहीं हो रही है। मंगलवार को सीएमओ ने दीनदयाल अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। सुबह 8.45 बजे निरीक्षण में मरीज तो पर्चा कटाकर ओपीडी हाल में बैठे मिले, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया था।
इस पर नाराज सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी सीएमएस कार्यालय में रखे उपस्थिति पंजिका में सभी चिकित्सकों को अनुपस्थित कर उसकी फोटो कॉपी साथ लेकर वापस चले गए। सीएमओ ने बताया कि निरीक्षण में ईसीजी मशीन भी दूसरे तल पर मिली, जिसको इमरजेंसी में लाकर रखने का निर्देश दिया गया है, जिससे कि मरीजों को इसका लाभ मिल सके।
सीसीटीवी फुटेज चेक किया, वार्डों में भी गए सीएमओ
सीएमओ सुबह 8.15 बजे अस्पताल पहुंचे। यहां जाने के बाद उन्होंने पहले सीसीटीवी फुटेज देखा। इसके बाद वार्डों में पहुंचकर चिकित्सकों के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि अभी नहीं आए हैं। यहां से निकलकर 8.45 बजे ओपीडी पहुंचे। जहां चिकित्सकाें के कमरे तो खुले थे लेकिन वहां कोई मिला नहीं। सीएमओ ने बताया कि आए दिन सीएमएस को पत्र लिखकर चिकित्सकों के समय से आने को क हा जा चुका है। इसके बाद भी स्थिति जस की तस है। पिछले दिनों बैठक में भी जिलाधिकारी ने ओपीडी का दौरा करने का निर्देश दिया था।
डॉक्टरों ने सीएमएस से मिलकर जताई आपत्ति
अस्पताल की ओपीडी में औचक निरीक्षण करने और उपस्थिति पंजिका पर अनुपस्थित करने की सीएमओ की कार्रवाई के विरोध में दीनदयाल अस्पताल के चिकित्सक सीएमएस डॉ. आरके सिंह के पास पहुंचे और इस पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि अस्पताल आने के बाद पहले वार्ड में भर्ती मरीजों को देखना भी जिम्मेदारी है। इसके बाद ओपीडी में मरीज देखते हैं। इसको लेकर उनकी सीएमएस से हल्की नोकझोंक भी हुई।
अस्पताल की ओपीडी में सीएमओ द्वारा निरीक्षण और उपस्थिति पंजिका पर अनुपस्थित करना पद के अधिकारों का दुरुपयोग करना है। चिकित्सक वार्ड में भर्ती मरीजों को देखने के तुरंत बाद ओपीडी में जाते हैं। अगर कोई बात है तो सीएमओ को पहले इसकी जानकारी मुझे देनी चाहिए थी। -डॉ. आरके सिंह, सीएमएस दीनदयाल अस्पताल
शासन, प्रशासन के निर्देशों के अनुपालन में ही ओपीडी का दौरा चल रहा है। चिकित्सक अगर समय से आते तो अनुपस्थित करने का कोई औचित्य नहीं बनता है। मंगलवार 8.45 बजे तक न तो कोई चिकित्सक वार्ड में था, न ही ओपीडी में। यहां तक कि सीएमएस भी मौजूद नहीं थे। मैने सीसीटीवी फुटेज भी देखा। स्थानीय अधिकारियों के साथ ही शासन को भी रिपोर्ट देंगे।
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