उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश : किसानों के सामने बड़ा संकट, तीन साल में सबसे कम बारिश

Admin2
17 July 2022 12:16 PM GMT
उत्तर प्रदेश : किसानों के सामने बड़ा संकट, तीन साल में सबसे कम बारिश
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19-20 तक आ जाएगा मानसून

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : मजदूरों से एक बीघे धान की रोपाई की लागत करीब 1200 रुपये है। ट्रैक्टर से एक बीघे खेत की जुताई पर भी लगभग 800 का खर्च आ रहा है। धान की नर्सरी तैयार करने में करीब 400 से 500 रुपये खर्च आता है। रोपाई के बाद खाद प्रति बीघा डीएपी बीस किलो पर 600 रुपया, यूरिया प्रति बीघा पंद्रह किलो पर 150 रुपया और खर पतवार नाशक दवा पर करीब 200 रुपये खर्च होते हैं।भादी खुर्द के किसान जयंत कुमार शुक्ल ने बताया कि 10 बीघे खेत में अच्छी वैरायटी के धान की रोपाई 15 जून को करवाया था। उम्मीद थी बारिश होगी। लेकिन तब से अब तीन बार खुद के संसाधन से सिंचाई करनी पड़ी। फिर भी फसल पीली ही दिख रही है। प्रति बीघे में करीब छह हजार रुपये की लागत आई है। किसी तरह से रोपाई कराने के बाद सिंचाई कराना लागत को और बढ़ा रहा है। दिन में तेज धूप से पानी भी उबल जा रहा हैं, जिससे धान के बीज गलकर सड़ जा रहे हैं।

जिले में बीते तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल सबसे कम बारिश अभी तक दर्ज की गई है। 15 जुलाई 2020 में अब तक 107 मिमी बारिश दर्ज कर ली गई थीं। जबकि 2021 में अब तक 189 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी थी। इस साल 2022 में 15 जुलाई तक जिले में कुल 89 मिमी ही बारिश हुई है।मानसून में देरी को लेकर किसान काफी परेशान हैं। इस बारे में जब कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया के कृषि वैज्ञानिक एसएन सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 19-20 जुलाई तक मानसून आने के साथ अच्छी बारिश की उम्मीद है। किसान भाई धैर्य बनाए रखें। जल्द ही अच्छी बरसात होगी
source-hindustan


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