उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: कांवड़ मार्ग पर मांस और शराब की बिक्री पर रोक, प्रमुख स्थानों पर तैनात होंगे एटीएस कमांडो

Kajal Dubey
14 July 2022 5:51 PM GMT
उत्तर-प्रदेश: कांवड़ मार्ग पर मांस और शराब की बिक्री पर रोक, प्रमुख स्थानों पर तैनात होंगे एटीएस कमांडो
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कांवड़ यात्रा बृहस्पतिवार से शुरू हो गई। इस दौरान कांवड़ मार्ग पर मांस व शराब की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। मार्ग पर मांस और मृत जानवर के अवशेष लाने व ले जाने पर भी पाबंदी रहेगी। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इस संबंध में जिलों के अफसरों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
एडीजी ने बताया कि कांवड़ यात्रा व श्रावण शिवरात्रि के मद्देनजर संवेदनशील जिलों में 151 कंपनी पीएसी व 11 कंपनी केंद्रीय अर्ध सैनिक बल उपलब्ध कराया गया है। मेरठ जोन व वाराणसी कमिश्नरेट और वाराणसी ग्रामीण के लिए 13 एएसपी, 30 डीएसपी और 309 निरीक्षक-उप निरीक्षक अतिरिक्त उपलब्ध कराए गए हैं। इनके अलावा 1250 मुख्य आरक्षी और 172 यातायात पुलिस कर्मी भी मेरठ जोन और वाराणसी जिले के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रमुख स्थानों पर एटीएस के कमांडो तैनात किए गए हैं। एडवांस सिक्योरिटी चेक टीम और बम डिस्पोजल स्क्वॉएड टीम भी मौजूद रहेगी। नदी के घाटों पर फ्लड पीएसी व स्थानीय गोताखोरों की भी व्यवस्था की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए 1917 सेक्टर और 1195 क्विक रिस्पांस टीम की तैनाती की जा रही है। सभी जिलों में होटलों व दुकानों पर स्पष्ट रेट लिस्ट लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान क्या करें और क्या न करें, इसके लिए मार्ग पर होर्डिंग व एलईडी स्क्रीन की जगह-जगह व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस मुख्यालय हर दिन कांवड़ यात्रा की समीक्षा भी करेगा।
840 मार्गों से गुजरेगी कांवड़ यात्रा
कांवड़ यात्रा पूरे प्रदेश में 840 मार्गों पर होगी जिसकी दूरी 12356 किलोमीटर है। 29 दिनों तक चलने वाली कांवड़ यात्रा में कुल 4556 शिवालयों पर जलाभिषेक किया जाएगा। विभिन्न नदियों के 332 घाटों से कांवड़ में जल भरा जाएगा। 314 स्थानों पर श्रावण मेले का आयोजन होगा। 927 स्थानों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है।
हर शिविर में होगी गंगाजल की व्यवस्था
एडीजी ने बताया कि हर कांवड़ शिविर में गंगा जल की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। शिविर में सफाई, चिकित्सा व्यवस्था, टायलेट, महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ठहरने की अलग-अलग व्यवस्था की जा रही है। कोई भी कांवड़िया सड़क पर विश्राम न करे, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है।
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