उत्तर प्रदेश

उत्तरप्रदेश: युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए जैसे ही थाने में तहरीर दी, प्रेमी थाने पहुंच, परिजनों की मौजूदगी में थाने के मंदिर में ही कर ली शादी

Shiddhant Shriwas
16 Feb 2022 2:26 PM GMT
उत्तरप्रदेश: युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए जैसे ही थाने में तहरीर दी, प्रेमी थाने पहुंच, परिजनों की मौजूदगी में थाने के मंदिर में ही कर ली शादी
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फाइल फोटो 

समझदारी से लिया काम, वरना होती युवक की जिंदगी बर्बाद

जनता से रिस्ता वेबडेस्क: गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां चौरीचौरा इलाके के एक गांव की युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए जैसे ही थाने में तहरीर दी, प्रेमी थाने पहुंच गया और उससे शादी कर ली। बेटे के जेल जाने के डर से परिवार वाले भी रजामंद हो गए। उत्तरप्रदेश: युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए जैसे ही थाने में तहरीर दी, प्रेमी थाने पहुंच, परिजनों की मौजूदगी में थाने के मंदिर में ही कर ली शादी

जानकारी के मुताबिक, युवक-युवती के बीच आठ साल से प्रेम संबंध था। युवती ने जब शादी की बात कही तो युवक मुकर गया। कई बार कोशिश करने के बाद भी युवक शादी के लिए तैयार नहीं हुआ। परेशान युवती ने थाने में दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए तहरीर दी।
इसमें लिखा कि आठ साल से शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया जा रहा है। वहीं, तहरीर की जानकारी होते ही युवक थाने पहुंच गया। पुलिस ने उसे समझाया। पुलिस की बात युवक और उसके परिवार वालों को समझ में आ गई। वहां युवती के घरवाले भी पहुंच गए। इसके बाद मंदिर में दोनों ने शादी रचाई और हंसी खुशी घर चले गए। चौरीचौरा थाना प्रभारी सुबोध कुमार ने बताया कि घरवालों की रजामंदी से युवक-युवती ने शादी की है।
समझदारी से लिया काम, वरना होती युवक की जिंदगी बर्बाद
दुष्कर्म के आरोपी युवक और उसके परिजनों ने बहुत समझदारी से काम लिया और एफआईआर दर्ज होने से पहले ही सही कदम उठा लिया। सोचने समझने में देर होती और एफआईआर दर्ज हो जाती तो भी राहत मिलना संभव नहीं थी, क्योंकि दुष्कर्म का आरोप किसी भी समझौते से परे है। केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी होती और मुकदमे में विचारण में आरोप सिद्ध हो जाता तो न्यूनतम सात वर्ष से 10 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती थी।
रिश्ते बनाएं तो निभाएं, वरना जेल जाएं
पिछले कुछ सालों में जिस तरह से सामाजिक वातावरण बना है, उसमें एक लड़के-लड़की के बीच दोस्ती और संबंध बनाना सामान्य-सी बात हो गई। इससे किशोर-किशोरी भी अछूते नहीं। यहां तक तो सब ठीक है, मगर यही बात तब खतरनाक मोड़ ले लेती है, जब दोनों के बीच रिश्ते बिगड़ते हैं। जब तक दोनों की बातें एक-दूसरे के बीच रहती है तो सब ठीक है।
मगर, अंतरंग क्षणों की वही बातें अगर महिला मित्र ने पुलिस के सामने इस आरोप के साथ पहुंचा दी कि उससे दुष्कर्म किया गया तो यकीन जानिए आपके बहुत बुरे दिनों की अंतहीन शुरूआत हो गई। कानूनन, आरोपी को ही यह साबित करना होता है कि उसने दुष्कर्म नहीं किया। यह राहत भी मुकदमे के विचारण के दौरान अदालत में जाकर मिलती है।
सबसे पहले एफआईआर दर्ज होते ही आरोपी की गिरफ्तारी तय है। पिछले कुछ साल में हुई गंभीर घटनाओं ने दुष्कर्म को इस कदर संवेदनशील अपराध बना दिया है कि मामलों को रफा-दफा करने में माहिर, पुलिसकर्मी भी दुष्कर्म के आरोपी की गिरफ्तारी के अलावा, कोई दूसरा विकल्प नहीं लेते।
हां, एक बात और है, कई वयस्क, अवयस्क से रिश्ते बनाते हैं। यकीन जानिए, मामला खुलने के बाद फिर कोई बचाने वाला नहीं। प्रेम में सहमति से अवयस्क लड़की को लेकर भागने वाले आरोपियों से पूछिए, अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में वे जेल ही जाते हैं। कोई बचाने वाला नहीं।
लड़की के यह स्वीकार करने के बाद भी कि सब कुछ उसकी सहमति से हुआ, तब भी कोई राहत नहीं। कानूनन, अवयस्क लड़की की सहमति कोई मायने नहीं रखती, इसे असहमति से ही संबंध बनाना माना जाएगा और स्त्री की असहमति से शारीरिक संबंध बनाना भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के तहत दुष्कर्म ही माना जाएगा। धारा 376 आईपीसी में दुष्कर्म के अपराध के लिए दंड का प्रावधान है।
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