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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: मंदिर पक्ष का तर्क- औरंगजेब ने विश्वेश्वर मंदिर गिराने का आदेश दिया, लेकिन मस्जिद बनाने का नहीं
Kajal Dubey
13 July 2022 4:10 PM GMT
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वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रही। इस दौरान मंदिर पक्ष की ओर से रिकॉर्ड और तथ्य पेश किए गए। कहा गया कि मध्यकाल में औरंगजेब ने विश्वनाथ मंदिर के ध्वस्तीकरण का आदेश तो दिया था लेकिन वहां मस्जिद बनाने का कोई फरमान नहीं दिया था। इसलिए वहां मंदिर बनाना गलत था। अंजुमन-ए-इंतजामियां मस्जिद कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल याचिकाओं पर न्यायमूर्ति प्रकाश पडिया की एकल पीठ सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान बुधवार को केवल मंदिर पक्ष की ओर से अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने अपने तर्क रखे। उन्होंने कहा कि पुराने अभिलेखों को देखने पर यह साफ है कि मंदिर तो अनादिकाल से है ही, उसके चारों तरफ बनाई गई बाउंड्री भी हजारों साल पुरानी है। अधिवक्ता विजय शंकर ने कहां कि पूर्व साम्राज्य में जो गलतियां की गई हैं, जबरजस्ती विश्वनाथ मंदिर को तोड़ा गया है, उसे वर्तमान सरकार अगर पहचान लेती है तो अदालतें उन गलतियों के संबंध में संज्ञान लेकर उपचार दें सकती हैं। कहा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी पूर्ण पीठ के आदेशों में यह कहा है कि अगर पूर्व साम्राज्य के समय में हुईं गलतियों को वर्तमान सरकार समझती है और उसे मान लेती है तो उसे सुधारा जा सकता है।
राम जन्मभूमि विवाद मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा ही सुझाव दिया था और इस मामले में भी ऐसा ही हो सकता है। कहा गया कि 1936 में दीन मोहम्मद के केस में अंग्रेजों ने जो लिखित बयान दिया था, उसमें हिंदुओं के अधिकारों को माना था और विश्वनाथ मंदिर को मंदिर एक्ट की श्रेणी में रखा गया है।
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