उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: कूटरचित दस्तावेज के सहारे हुई थी नियुक्ति, तीन और कर्मचारियों की सेवा समाप्त

Kajal Dubey
18 July 2022 9:18 AM GMT
उत्तर-प्रदेश: कूटरचित दस्तावेज के सहारे हुई थी नियुक्ति, तीन और कर्मचारियों की सेवा समाप्त
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कूटरचित दस्तावेज के सहारे बिजली निगम में सेवा देने वाले तीन और कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई। शनिवार देर रात यह कार्रवाई की गई। तीनों कर्मचारी माधुरी श्रीवास्तव, सुधीर सिंह और योगेंद्र यादव जोन कुशीनगर मंडल के पडरौना मंडल में तैनात थे। 2019 से ये कार्यरत थे।
इनके वेतन मद में भुगतान की रकम 12.60 लाख की रिकवरी श्रमिकों के चल अचल संपत्ति से करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले चौरीचौरा खंड में तैनात कर्मचारी राधेश्याम शर्मा की सेवा भी समाप्त की गई थी। चारों के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी चल रही है।
गोरखपुर जोन के कुशीनगर वितरण मंडल के वितरण खंड पड़रौना के एक्सईएन प्रवीण कुमार चौबे ने कर्मचारियों के बर्खास्तगी आदेश में लिखा है कि जांच कमेटी ने प्रकरण की जांच के दौरान पाया कि पूर्वांचल वितरण निगम के मुख्य अभियंता प्रशासन वीके सिन्हा ने 26 जून 2013 को जोन के मुख्य अभियंता को सुदामा व सुरेंद्र यादव की नियुक्त करने के आदेश दिए थे।
इस आदेश में सिर्फ दो कर्मचारियों के नाम दर्ज थे। कूटरचित तरीके से इस आदेश में चार और नाम जोड़कर नया आदेश तैयार कर दिया गया था। बताया कि तीनों की सेवा नियुक्ति तिथि से समाप्त की गई है। प्रत्येक को वेतन, एरियर व अन्य मदों में भुगतान की गई राशि जो 12.60 लाख रुपये है। उनके चल अचल संपत्ति से वसूल करने के आदेश दिए गए हैं।
मुख्य अभियंता एके सिंह ने बताया कि इन चारों की कूटरचित दस्तावेज के सहारे नियुक्ति हुई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर सभी की सेवा समाप्त की गई है। आगे विधिक कार्रवाई के लिए अभियंताओं को निर्देशित किया गया है।
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