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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: 52 लाख का घोटाला, गोदाम के सुपरवाइजर से होगी रिकवरी, जानें पूरा मामला
Kajal Dubey
30 Jun 2022 9:38 AM GMT
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बिजनौर में गन्ना समिति स्योहारा के खाद गोदाम की जांच में डीएपी, दवाइयां, एनपीके और यूरिया गायब मिला। जांच अधिकारियों ने करीब 52 लाख रुपये का घोटाला सामने लाया। वर्ष 2019 में इसकी जांच हुई थी और अक्टूबर 2020 में जांच रिपोर्ट दी गई थी। अब इस मामले की दोबारा जांच हुई है। अंतिम जांच 31 मार्च 2022 को पूरी हुई, जिसमें यह घोटाला पकड़ में आया। डीसीओ ने गोदाम में घोटाला एवं आरोपियों से रिकवरी के लिए उप गन्ना आयुक्त को जानकारी दी।
शासन के आदेश पर समितियों के खाद गोदामों की वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक जांच हुई थी। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि उनकी शिकायत पर 2019 में गन्ना समिति के खाद गोदामों की जांच हुई थी। जांच टीम ने 2020 में रिपोर्ट सौंपी। तकनीकी कमी के कारण अधिकारियों ने इस मामले की दोबारा जांच बैठाई। जांच टीम में शामिल तत्कालीन अपर सांख्यिकी अधिकारी गन्ना विकल भारती, सचिव धामपुर मनोज, ऑडिटर फतेह सिंह, लेखाकार संजीव त्यागी, सूरज सिंह लेखाकार ने 31 मार्च 2022 को आख्या दी, जिसमें 52 लाख का घोटाला सामने आया। जांच में खाद गोदाम से यूरिया, डीएपी, दवाइयां आदि का गायब थीं। डीसीओ ने बताया कि इस मामले में गोदाम के सुपरवाइजर से रिकवरी होगी।
जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि सदाफल, मुकरपुर, मेवा नवादा खाद गोदामों में भी 29 लाख 81 हजार 562 रुपये का घोटाला सामने आया है। इन खाद गोदाम पर 5743 कट्टे यूरिया, 195 कट्टे डीएपी, 324 कट्टे एनपीके, जैव उर्वरक 1031 लीटर, टिलर दो आदि गायब मिले। बताया कि इफ्को, कृभको का करीब 17 लाख का डीएपी और एनपीके खाद समितियों पर नहीं पहुंचा।
शासन के निर्देश पर उनकी शिकायत पर खाद गोदामों की जांच आरंभ हुई थी। वर्ष 2020 में आई जांच रिपोर्ट में तकनीकी गड़बड़ी के कारण दोबारा जांच कराई थी। यह जांच 31 मार्च 22 की जांच पूरी हो गई थी। जांच में खाद गोदामों पर करीब 52 लाख का घोटाला सामने आया। उप गन्ना आयुक्त को आरोपितों से रिकवरी कराने एवं मामले की पूरी जानकारी दे दी है।
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