उत्तर प्रदेश

व्हाट्सप्प के जरिए लोगों से करता था ठगी, 15 वर्षीय नाबालिग गिरफ्तार

Admin4
5 May 2023 9:52 AM GMT
व्हाट्सप्प के जरिए लोगों से करता था ठगी, 15 वर्षीय नाबालिग गिरफ्तार
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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि एक 15 वर्षीय युवक को उत्तर प्रदेश के मथुरा से गिरफ्तार किया गया है। नाबालिग पर आरोप है कि वह कथित तौर पर लोगों के फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाता था और अस्पताल में इमरजेंसी के नाम पर पैसे की मांग करने के लिए रिश्तेदारों से संपर्क करता था। शाहदरा के पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने कहा कि 22 अप्रैल को कृष्णा नगर निवासी नितिन कुमार मित्तल की शिकायत मिली थी। इसमें उन्होंने बताया था कि उनका व्हाट्सएप अकाउंट हैक कर लिया गया है और कोई उनकी पहचान और फोटो का उपयोग करके उनके रिश्तेदारों एवं दोस्तों से पैसे मांग रहा है।
मित्तल ने अपनी शिकायत में कहा कि हैकर ने उनके रिश्तेदारों को बताया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती के लिए पैसों की तत्काल जरूरत है और दो दिनों के बाद वह पैसे वापस कर देंगे। डीसीपी ने कहा, शिकायतकर्ता के एक रिश्तेदार जशनदीप सिंह ने जालसाज को 80,000 रुपये भी ट्रांसफर कर दिए। जांच के दौरान पुलिस टीम ने कॉल डिटेल रिकॉर्ड और व्हाट्सएप चैट सहित सभी जानकारी एकत्र की। उन्होंने कहा, सभी बैंक डिटेल और उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का भी विश्लेषण किया गया। पुलिस की टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर मथुरा जिले के मंदोरा गांव में छापेमारी करके नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं जो अपराध में इस्तेमाल किए गए थे। अधिकारी ने कहा कि आरोपी फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया खातों से जानकारी इकट्ठा करता था।अधिकारी ने कहा कि इसके बाद उसने जीमेल आईडी की जगह पीड़ित का मोबाइल नंबर डाला और पासवर्ड की जगह भी मोबाइल नंबर दर्ज किया। यदि उस गूगल अकाउंट का मोबाइल नंबर और पासवर्ड समान है, तो उसे गूगल अकाउंट से उसकी (पीड़ितों की) संपर्क सूची मिल जाती। इसके बाद वह सोशल मीडिया अकाउंट्स से मिली तस्वीरों का इस्तेमाल कर पीड़ित का फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाता था। इसके बाद वह पीड़ित के करीबी रिश्तेदारों से संपर्क करता था और अस्पताल में आपात स्थिति के बहाने पैसे की मांग करता था। अधिकारी ने कहा कि इसी तरह के तौर-तरीकों वाली पिछली घटनाओं का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है और कॉल डिटेल रिकॉर्ड और व्हाट्सएप चैट के आधार पर पिछले पीड़ितों से संपर्क किया जा रहा है।
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