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अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मेडिसन ने आईवीआरआई के साथ अनुबंध की इच्छा जताई
बस्ती: रेबीज बीमारी पर नियंत्रण के लिए अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मेडिसन ने आईवीआरआई के साथ अनुबंध की इच्छा जताई है. इसके तहत नों संस्थान मिलकर रेबीज की ओरल वैक्सीन तैयार करने के साथ ही अफ्रीकन स्वाइन फीवर, एवियन इन्फ्लुएंजा, नीपावायरस के नियंत्रण पर कार्य करेंगे.
आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एम स्वामीनाथन आईसीएमआर की फेलोशिप के तहत ओरल रेबीज वैक्सीन पर कार्य करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन, मेडिसन भेजे जा रहे हैं. दरअसल, विश्व स्तर पर रेबीज से हर साल करीब 60 हजार से अधिक लोगों की मौत होती है. इनमें से 95 प्रतिशत से अधिक मौतें भारतीय उपमहाद्वीप में दर्ज की गईं. भारत में हर साल लगभग 20 हजार इंसानों की मौत पागल कुत्तों और जंगली जानवरों के काटने से होती है. इस पर नित्रयंण के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मेडिसन के निदेशक डॉ. जॉर्ज ई. ओसोरियो आईवीआरआई पहुंचे.
साथ ही वैज्ञानिकों के साथ बैठक कर रेबीज सहित कई अन्य बीमारियों के ओरल वैक्सीन पर काम करने की इच्छा व्यक्त की. निदेशक डॉ. दत्त ने इस पर सहमति जतायी. संयुक्त निदेशक कैडराड डॉ. केपी सिंह ने बताया कि डॉ. जॉर्ज दिल्ली में भारतीय आर्युविज्ञान अनुसांधान परिषद के महानिदेशक, स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव से समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रेबीज नियंत्रण के लिए ओरल वैक्सीन के भारत में प्रयोग की संभावनायें एवं शोध के बारे में बातचीत करेंगे. संयुक्त निदेशक शोध डॉ. एसके सिंह, संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ रूपसी तिवारी, संयुक्त निदेशक शैक्षणिक डॉ. एसके मेंदीरत्ता, डॉ. जी साईकुमार, डॉ. एम स्वामीनाथन, विक्रमादित्य उपमन्यु आदि थे.