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उत्तर प्रदेश
यूपी : योगी सरकार 6000 से ज्यादा स्कूलों में क्या करने जा रही, बच्चों को मिलेगा फायदा
Manish Sahu
1 Sep 2023 2:24 PM GMT
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उत्तरप्रदेश: स्कूलों का वातावरण स्वच्छ रहे इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने स्वच्छता पखवाड़ा शुरू किया है। इससे स्वच्छता के साथ ही स्कूली बच्चे स्वस्थ रहें और उन पर कोई हानिकारक तत्व या वायु का खतरनाक दुष्प्रभाव न पड़े इसके लिए प्रदेश के 6000 से अधिक अपर प्राइमरी स्कूलों में सरकार इलेक्ट्रिक इन्सीनरेटर स्थापित करने जा रही है। जिसमें सेनेटरी नेपकिन्स व अन्य हानिकारक वस्तुओं को बिजली से जलाकर खाक किया जा सकेगा।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से इस संबंध में शुक्रवार को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश में संचालित अपर प्राइमरी स्कूलों में इलेक्ट्रिक इन्सीनरेटर स्थापित किया जाना है और इसके लिए जरूरी करीब 10 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं। यह दो वित्तीय वर्ष 2021-22 तथा 2022-23 का कुल योग है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आवंटित धनराशि से प्रदेश के 5056 अपर प्राइमरी स्कूलों में तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आवंटित धनराशि से प्रदेश के 1114 अपर प्राइमरी स्कूलों में इलेक्ट्रिक इन्सीनरेटर की स्थापना की जानी है। सरकार की ओर से इसके लिए धनराशि भी आवंटित कर दी गई हैं। साथ ही इन्सीनरेटर की खरीद के लिए हर जिले में वहां के सीडीओ (जिला विकास अधिकारी) के नेतृत्व में आठ सदस्यीय समिति का भी गठन करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से अपर प्राइमरी एवं हाई स्कूलों में बालिकाओं के लिए नि:शुल्क सेनेटरी नेपकिन्स मुहैय्या कराया जाता है। इस्तेमाल किए गए नेपकिन्स के सुरक्षित निस्तारण की अब तक स्कूलों में कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में अधिक दिनों तक पड़ी नेपकिन्स व अन्य प्रकार के कचड़ों से स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ने की आशंका रहती है। लिहाजा स्कूलों में एकत्र होने वाले हानिकारक कचड़ों के सुरक्षित निस्तारण के लिए इलेक्ट्रिक इन्सीनरेटर की स्थापना की जा रही है। सरकार मानना है कि नि:शुल्क सेनेटरी नेपकिन्स उपलब्ध होने तथा इस्तेमाल नेपकिन्स के निस्तारण की व्यवस्था होने से स्कूलों में बालिकाओं की उपस्थिति बनी रहेगी। क्योंकि माहावारी के दौरान बालिकाएं स्कूल आने से परहेज करतीं हैं।
समिति के अध्यक्ष जिले के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) होंगे। इसके अलावा बेसिक शिक्षा अधिकारी समिति के संयोजक व सदस्य होंगे जबकि जिला पंचायत राज अधिकारी, जिलाधिकारी या अध्यक्ष, जिला शिक्षा एवं परियोजना समिति द्वारा नामित एक अधिकारी, जिलाधिकारी द्वारा नामित बाह्य तकनीकी विशेषज्ञ, संबंधित जिले का सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी समग्र शिक्षा, संबंधित जिले के जिला समन्वयक बालिका शिक्षा तथा जिला मुख्यालय पर तैनात खण्ड शिक्षा अधिकारी समिति के सदस्य होंगे।
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